भोपाल :
लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार के लिए कांग्रेस के सीनियर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया उत्तर प्रदेश में कांग्रेस उम्मीदवार के लिए वोट मांगने के बाद अब मध्य प्रदेश की गुना संसदीय सीट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जहां से वह 5वीं बार सांसद बनने का लक्ष्य लेकर चुनाव में उतरे हैं। लेकिन उन्हें अपने चुनाव प्रचार के दौरान किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। सिंधिया एक सभा को संबोधित कर रहे थे तभी एक किसान वहां आया और कहने लगा कि सरकार का दो लाख रुपए माफ करने का दावा झूठा है।
किसान ने कहा कि मेरे घर तीन चार बार पुलिस आ चुकी है कहां कर्ज माफ हुआ है। उसके बाद वहां मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ता उस किसान को सिंधिया के पास लेकर आता है। सिंधिया कहते हैं नीचे बैठो, मौका दूंगा, तब बोलना। बीच में फिर वह बोलता है लेकिन सिंधिया उन्हें बैठने को कहता है। रिपोर्ट के अनुसार उसे मौका नहीं मिलता है। कांग्रेस कार्यकर्ता उसे वहां हटा देते हैं।
हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा एक आमसभा में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के परिजनों के भी किसान ऋण माफी योजना में लाभान्वित होने का दावा करने के बाद प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच वाक युद्ध तेज हो गया। चौहान ने राहुल गांधी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर झूठ बोलने और किसानों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि किसानों के खिलाफ षडयंत्र किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘अपनी किसान फसल ऋण माफी योजना की असफलता छिपाने के लिए कांग्रेस ने यह षडयंत्र रचा है। वह कह रहे हैं कि मेरे भाई रोहित चौहान का कृषि कर्ज सरकार ने माफ कर दिया है। प्रदेश सरकार के आदेश के अनुसार कृषि कर्ज माफ कराने के लिए किसान को आवेदन पत्र भरना होता है। जांच के बाद आवेदन योग्य पाया गया तो कर्ज माफ किया जाता है।’
शिवराज ने अपने गांव जैत की पंचायत के किसानों को दिया गया आदेश दिखाते हुए कहा, ‘यह दस्तावेज बताता है कि मेरा भाई किसान कर्ज माफी योजना का पात्र ही नहीं है। वह इनकम टैक्स भरता है और रिकॉर्ड में लिखा है कि मेरे भाई रोहित ने कर्ज माफी के लिए आवेदन ही नहीं किया।’ उन्होंने कहा कि एक इनकम टैक्स भरने वाला या सरकारी कर्मचारी इस योजना का लाभ नहीं ले सकता।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों को फसल कर्ज माफी योजना का लाभ पहुंचाने में असफल रही है, कांग्रेस ने किसानों को धोखा दिया है। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने छोटी अवधि के मात्र 2 लाख रुपए तक के कृषि कर्ज माफ करने के आदेश दिए हैं जबकि कांग्रेस ने सभी तरह के कर्ज माफ करने का वादा किया था।
गौर हो है कि नवंबर में हुए मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का किसानों से कृषि कर्ज माफ करने का वादा एक प्रमुख मुद्दा था। ऐसा माना जाता है कि 15 साल बाद बीजेपी को बेदखल कर प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की वापसी में इस वादे की अहम भूमिका थी।