Friday , October 4 2024
ताज़ा खबर
होम / देश / जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष होंगे देश के पहले लोकपाल, चयन समिति ने तय किया नाम

जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष होंगे देश के पहले लोकपाल, चयन समिति ने तय किया नाम

नई दिल्ली

जल्द ही देश को पहला लोकपाल मिलने वाला है. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल बनाने की सिफारिश की गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रख्यात कानूनविद मुकुल रोहतगी की चयन समिति ने शुक्रवार को उनका नाम तय किया और उनके सिफारिश की. इस बावत सोमवार को आधिकारिक घोषणा हो सकती है.

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे भी चयन समिति के सदस्य हैं, लेकिन वे चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए. रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने जस्टिस घोष की नियुक्ति से जुड़ी फाइल राष्ट्रपति के पास भेज दी है. लोकपाल भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली संस्था है. इस कमेटी में एक चेयरमैन, एक न्यायिक सदस्य और एक गैर न्यायिक सदस्य होते हैं.

बता दें कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकपाल चयन समिति की बैठक में शामिल होने की सरकार की पेशकश को लगातार सातवीं बार खारिज करते हुए कहा था कि ‘विशेष आमंत्रित सदस्य’ के लोकपाल चयन समिति का हिस्सा होने या इसकी बैठक में शामिल होने का कोई प्रावधान नहीं है.

खड़गे की नाराजगी

लोकपाल चयन समिति की बैठक शुक्रवार को हुई थी. लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा था कि लोकपाल अधिनियम-2013 की धारा चार में ‘विशेष आमंत्रित सदस्य’ के लोकपाल चयन समिति की हिस्सा होने या इसकी बैठक में शामिल होने का कोई प्रावधान नहीं है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने तब कहा था कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार ने लोकपाल कानून में ऐसा संशोधन करने का कोई प्रयास नहीं किया जिससे विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी का नेता चयन समिति के सदस्य के तौर पर बैठक में शामिल हो सके.

मानवाधिकार आयोग के सदस्य हैं जस्टिस पी सी घोष

पीसी घोष सुप्रीम कोर्ट ने मई 2017 को रिटायर हुए थे, वे इस वक्त राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य हैं. पीसी घोष तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता की सहयोगी रही शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहरा चुके हैं.

अन्ना आंदोलन से उठी थी मांग

बता दें कि लोकपाल की मांग को लेकर देश में 2012 में जोरदार राजनीतिक आंदोलन हुआ था. सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे, दिल्ली के मौजूदा सीएम अरविंद केजरीवाल, पुदुचेरी की उप राज्यपाल किरण बेदी समेत कई जानी मानी-हस्तियों ने देश में लोकपाल की नियुक्ति को लेकर तत्कालीन मनमोहन सरकार के खिलाफ देश भर में विशाल राजनीतिक आंदोलन चलाया था.  12 दिन चले इस आंदोलन के दौरान देश भर में जबरदस्त जन प्रतिरोध देखने को मिला था. आखिरकार तत्कालीन सरकार ने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए लोकपाल गठित करने का वादा किया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)