जेट एयरवेज की हालत खस्ता है, उड़ानें बंद हो चुकी हैं. इसके 20 हजार कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटक रही है. कंपनी को उबारने की तरह-तरह से कोशिशें की जा रही हैं. लेकिन इसी बीच मंगलवार को कारोबार के दौरान अचानक इसके शेयर कीमत में 13 फीसदी की भारी उछाल ने सबको चौंका दिया है. आइए जानते हैं कि आखिर क्या है इसकी वजह.
इसके पिछले तीन कारोबारी सत्रों में जेट एयरवेज के शेयरों में 45 फीसदी की तक की भारी गिरावट आ गई थी. लेकिन मंगलवार को गिरावट का यह सिलसिला थम गया और जेट के शेयरों में 13 फीसदी का उछाल आ गया. असल में जेट को उबारने की सरकारी कोशिशों के कामयाब होने और इसके बाद शेयरों में बढ़त के बाद ऊंचे रिटर्न मिलने की उम्मीद में बहुत से छोटे निवेशकों ने जेट के शेयरों की खरीदारी की. ऐसी खरीदारी कुछ खबरों या अफवाहों के प्रसारित होने के बाद ही होती है. इसलिए इसे सटोरिया प्रकृति का माना जा रहा है.
बीएसई पर वॉल्यूम के हिसाब से भी शेयरों का कारोबार अच्छा रहा और 31.03 लाख शेयरों की ट्रेडिंग की गई. हालांकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और फंड हाउस ने जेट एयरवेज में अपना निवेश घटा लिया है. इनकी जेट में 31 मार्च, 2019 तक हिस्सेदारी 3.58 फीसदी और 1.47 फीसदी रह गई है, जबकि इसके एक साल पहले इनकी हिस्सेदारी क्रमश: 9.56 फीसदी और 4.96 फीसदी थी. दूसरी तरफ, छोटे निवेशकों ने 31 मार्च, 2018 के 4.9 फीसदी के मुकाबले अब अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 11.42 फीसदी कर ली है.
8 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज
गौरतलब है कि जेट एयरवेज के ऊपर 8,500 करोड़ रुपये का कर्ज है. कंपनी को चलाए रखने के लिए 400 करोड़ रुपये के आपात फंड की जरूरत थी, लेकिन एसबीआई ने इसे देने से इंकार कर दिया. जेट एयरवेज की उड़ान सेवाएं अस्थायी तौर रोक दी गई हैं. जेट एयरवेज संकट की वजह से करीब 23 हजार कर्मचारी प्रभावित हैं. इन कर्मचारियों को कई महीनों से सैलरी नहीं मिली है. हालांकि स्पाइसजेट ने जेट एयरवेज के 500 से अधिक कर्मचारियों को नियुक्त किया है. कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इसमें 100 पायलट शामिल हैं. कंपनी ने कहा कि वह ऐसे और कर्मचारियों को नियुक्त कर सकती है.