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जेट एयरवेज के विमान उड़ते रहेंगे या लटकेगा ताला, सोमवार को होगा फैसला

नई दिल्ली
जेट एयरवेज के लिए कल (सोमवार) का दिन बहुत अहम होगा। कल इस बात का फैसला हो सकता है कि संकटग्रस्त एयरलाइन पर ताला लटक जाएगा या फिर उड़ानें जारी रहेंगी। कंपनी के प्रबंधक 1,500 करोड़ रुपये के निवेश की अपील और नए प्लान को लेकर कर्जदाताओं से मुलाकात करेंगे। यदि कर्जदाता फंड देने से इनकार या इसमें देरी करते हैं तो इसका मतलब होगा कि जेट के सभी विमान जमीन पर ही रहेंगे।

इसके अलावा सोमवार को ही जेट के पायलट और कर्मचारी कंपनी के मुंबई स्थित मुख्यालय में जुटेंगे और भविष्य को लेक फैसला करेंगे। रविवार शाम सूत्रों ने बताया कि, पायलट यूनियन नैशनल एविएटर्स गिल्ड (NAG) के सदस्य सोमवार 10 बजे से विमान नहीं उड़ाएंगे। हालांकि, विमानन कंपनी के केवल 5 विमान ही अब संचालन में हैं। हड़ताल का अब कंपनी पर कोई वास्तविक असर नहीं होगा।

NAG ने अपने सदस्यों को भेजे संदेश में कहा है, ’25 मार्च को एसबीआई ने कहा था कि जेट एयरवेज को ऑपरेशनल रखने के लिए 1500 करोड़ रुपये का अंतरिम फंड दिया जाएगा। अभी तक हम फंडिंग का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच प्यारा एयरलाइन धीरे-धीरे मर रहा है, पायलट-इंजिनियर्स को तीन महीने से सैलरी नहीं मिली है। यह कुछ जवाब मांगने का समय है। जिनके पास मदद की शक्ति है उनसे विनम्रता से पूछना है कि भविष्य में हमारे लिए क्या है। इसलिए हम सभी पायलट से सिरोया सेंटर (जेट मुख्यालय) में सुबह 10 बजे फुल यूनीफॉर्म में जुटने की अपील करते हैं।’

पायलट, इंजिनियर और सीनियर मैनेजमेंट को जनवरी-फरवरी का वेतन नहीं मिला तो मार्च का वेतन जेट के 16 हजार कर्मचारियों में से किसी को नहीं मिला है।

कल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया इस बात की भी घोषणा करेगा कि जेट एयरवेज में हिस्सेदारी खरीदने के लिए कितनी इकाइयों ने इच्छा जाहिर की है। इसके बाद 30 अप्रैल तक बोली लगाई जाएगी। हालांकि, पूरी प्रक्रिया में कुछ महीने का समय लग जाएगा। वादे के मुताबिक 1,500 करोड़ रुपये का इमर्जेंसी फंड नहीं देने से जेट खात्मे के निकट है। 26 साल पुरानी विमानन कंपनी बचेगी या फिर डूब जाएगी यह कल तय हो जाएगा।

51 साल के एक नॉन टेक्नीकल स्टाफ ने कहा, ‘यदि कर्जदाताओं की इच्छा हमें बचाने की नहीं थी तो उन्हें हमें पहले ही मर जाने देना चाहिए था। पहले झूठी आशा और फिर इनकार उन लोगों के साथ क्रूर मजाक है जो अपनी आजीविका का साधन खो रहे हैं।’

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