टोक्यो
जापान का महत्वाकांक्षी मून मिशन को बड़ा झटका लगा है। देश की एक निजी मून लैंडर शुक्रवार 6 जून को चंद्रमा पर लैंडिंग का प्रयास करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जापानी कंपनी आईस्पेस ने लैंडर से संपर्क टूटने के कई घंटे बाद मिशन के फेल होने की पुष्टि की है। कंपनी का यह दूसरा चंद्र अभियान था। जापानी कंपनी के रेजिलिएंस अंतरिक्ष यान को जापान के स्थानीय समयानुसार 6 जून को सुबह 4.17 बजे चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, लेकिन निर्धारित लैंडिंग से एक मिनट 45 सेकंड पहले लैंडर से संपर्क टूट गया। फ्लाइट कंट्रोलर ने संपर्क स्थापित करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद मिशन को समाप्त करने की घोषणा की गई।
पहले भी नाकाम रही थी लैंडिंग
चंद्रमा पर पहली निजी लैंडिंग की कोशिश कर रही ispace के लिए यह बड़ा झटका है। इसके पहले आईस्पेस ने अप्रैल 2023 में पहली बार मून लैंडिंग की कोशिश की थी। उस दौरान भी अंतरिक्ष यान नाकाम रहा था और मिशन को अंततः नाकाम घोषित करना पड़ा था। आईस्पेस के सीईओ और संस्थापक ताकेशी हाकामाडा ने मिशन की नाकामी पर दुख जताया और मिशन में योगदान देने वाले सभी लोगों से माफी मांगी।
कंपनी के सीईओ ने मांगी माफी
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ताकेशी हाकामाडा ने कहा, 'हम मिशन 2 को सफल बनाना चाहते थे, लेकिन दुर्भाग्य से हम लैंडिंग करने में विफल रहे।' हाकामाडा ने कहा, 'जिन लोगों ने हमारा समर्थन किया है, हम उनसे माफ़ी मांगना चाहते हैं।' उन्होंने आगे कहा कि आईस्पेस भविष्य की उड़ानों के लिए अपनी विफलताओं से सीखने के लिए प्रतिबद्ध है।
स्पेसडॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, रेजिलिएंस के अंतिम क्षणों से टेलीमेट्री पर आधारित प्रारंभिक डेटा से पता चलता है कि लैंडर के लेजर रेंजफाइंडर ने जांच की चंद्र सतह से दूरी मापते समय किसी प्रकार की देरी का अनुभव किया। आईस्पेस के अधिकारियों ने एक अपडेट में बताया कि लैंडर मून लैंडिंग के लिए जरूरी स्पीड तक पहुंचने के लिए पर्याप्त धीमा नहीं हो सका। इन परिस्थितियों के आधार पर वर्तमान में यह माना जाता है कि लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर संभवतः हार्ड लैंडिंग की।