पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम 2 सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में रहना चाहते है. इसको लेकर खुद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है. आईएनएक्स मीडिया केस में इन दिनों चिदंबरम सीबीआई की गिरफ्त में हैं.
जेल जाने का डर!
चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और वो शुक्रवार तक सीबीआई की हिरासत में हैं. रिमांड खत्म होने पर आज उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा. कहा जा रहा है कि आज सीबीआई चिदंबरम की हिरासत को और बढ़ाने पर जोर नहीं डालेगी. ऐसे में अगर उनका रिमांड नहीं बढ़ाया जाता है, तो फिर उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल जाना पड़ सकता है. लिहाजा चिदंबरम ने खुद रिमांड बढ़ाने की पेशकश की है.
ऐसे फंसा पेंच
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि वो भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई हिरासत में भेजने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दो सितंबर को सुनवाई करेगी. इसके बाद चिदंबरम ने 2 सितंबर तक कोर्ट में रहने की खुद पेशकश की.
उनके प्रस्ताव पर पीठ ने कोई टिप्पणी नहीं की और कहा कि वो दिल्ली हाईकोर्ट के 20 अगस्त के फैसले को चुनौती देने वाली चिदंबरम की याचिका पर अपना आदेश पांच सितंबर को सुनाएगी. चिदंबरम ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनकी अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज करने के फैसले को चुनौती दी थी.
चिदंबरम के वकील की दलील
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ से कहा कि चूंकि रिमांड के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका दो सितंबर के लिए सूचीबद्ध है, इसलिए चिदंबरम तब तक सीबीआई हिरासत में ही रहने की पेशकश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुद को दो सितंबर तक सीबीआई हिरासत में रखने की पेशकश कर रहा हूं. प्रवर्तन निदेशालय को इस पेशकश में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. सीबीआई के मामले में मेरी सीबीआई रिमांड कल समाप्त हो रही है.’’
दलील का विरोध
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील का विरोध करते हुए कहा कि रिमांड को सिर्फ निचली अदालत बढ़ा सकती है क्योंकि वहां मामला लंबित है. मेहता ने कहा, ‘‘अगर कल निचली अदालत में यही पेशकश की जाती है तो हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी.’’