पठानकोट आतंकी हमले के दौरान सुर्खियों में आए पूर्व एसपी सलविंदर सिंह ने अपनी पोस्ट का फायदा उठाते हुए एक महिला का रेप किया था जिसके लिए उसे 10 साल की सजा मिली है. पति को छोड़ने की एवज में न सिर्फ उसने महिला से शारीरिक संबंध बनाए बल्कि 50 हजार रुपये भी ऐंठे.
पूर्व एसपी सलविंदर सिंह पर एक महिला ने आरोप लगाया था कि पति को केस से छुड़ाने के लिए जिस्म के साथ पैसे भी देने होंगे. महिला ने अपने पति को बचाने की खातिर पुलिस अफसर को जिस्म भी सौंपा और रकम भी दी. इसी रेप केस में इस पुलिस अफसर को 10 साल व भ्रष्टाचार के केस में 5 साल कैद की सजा व 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है. दोनों सजाएं साथ चलेंगी.
पीड़िता का आरोप था कि 2014 में उसके पति के खिलाफ धारीवाल पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ था. जांच सलविंदर कर रहा था. उसने कहा था कि अगर पति को छुड़वाना चाहती है तो 50 हजार देने होंगे और शारीरिक संबंध भी बनाने होंगे. इसके बाद महिला से संबंध भी बनाए और पैसे भी ऐंठे थे. बाद में महिला ने 2016 में गुरदासपुर में केस दर्ज करवाया था.
दुष्कर्म और भ्रष्टाचार के केस में पीड़िता ने सीएम को की थी शिकायत
3 अगस्त 2016 को सिटी थाना में दर्ज दुष्कर्म और भ्रष्टाचार के केस में पीड़िता ने सीएम को शिकायत भेजी थी. इसकी जांच पठानकोट के एसपी जीएस खुराना ने की, जिसके आधार पर उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया. महिला का कहना था साल 2014 में उसके पति के खिलाफ धारीवाल पुलिस स्टेशन में आपराधिक मामला दर्ज हुआ था.
केस की जांच के सिलसिले में एसपी सलविंदर सिंह का उनके घर आना-जाना था, जिसका फायदा उठाते हुए उसने उससे कहा कि अगर वह अपने पति को छुड़वाना चाहती है तो उसे 50 हजार रुपये देने होंगे. पूर्व एसपी ने उससे पैसे लेने के अलावा उसके साथ दुष्कर्म भी किया. उसके खिलाफ जिस समय मामला दर्ज किया गया, वह पीएपी की 75वीं बटालियन जालंधर में बतौर सहायक कमांडेंट तैनात था. दुष्कर्म मामले में नाम आने के बाद उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था.
31 दिसंबर 2015 को पठानकोट एयरबेस पर हमला करने वाले आतंकियों ने सलविंदर की गाड़ी इस्तेमाल की थी. इस पूरे घटनाक्रम में वह संदेह के घेरे में आ गया था. राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने भी उससे कई दिनों तक पूछताछ की थी.
बता दें कि महिला से दुष्कर्म मामले की सुनवाई के दौरान 15 फरवरी को पूर्व एसपी सलविंदर को कोर्ट ने दोषी करार देकर जेल भेज दिया था, जिसके बाद 21 फरवरी को फैसले की तारीख तय की गई थी. उस समय उसे गिरफ्तार कर गुरदासपुर जेल भेज दिया गया, जहां से उसे अमृतसर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था.
सलविंदर को अमृतसर जेल से गुरदासपुर कोर्ट लाया गया. जज प्रेम कुमार ने 2 मिनट में फैसला सुनाते हुए धारा 376 में 10 साल और करप्शन केस में 5 साल कैद की सजा सुनाई थी.