एक भारतीय अमेरिकी व्यक्ति को अपनी गोद ली हुई तीन साल बेटी की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। भारतीय बच्ची की मौत 2017 में हुई थी। आरोपी वेसले मैथ्यूज (39) ने अनाथ आश्रम से गोद लिया था। अमेरिका के टेक्सास राज्य प्रशासन ने उसे अपनी बेटी शेरीन को चोट देकर मारने का दोषी पाया है। मैथ्यूज अब 30 साल जेल की सजा काटने के बाद ही पैरोल ले पाएगा।
अभियोजक पक्ष ने मैथ्यूज की गवाही को एक और झूठ करार दिया है। कोर्ट का कहना है कि ये नामुमकिन है कि एक तीन साल की बच्ची दूध पी रही हो और उसकी दम घुटने से मौत हो जाए। कोर्ट का कहना है कि मैथ्यूज झूठ बोल रहा है। बच्ची को मारने के बाद वो डर गया और उसने अपने फोन की लोकेशन बदल दी।
उसने जांचकर्ताओं को भी नहीं बताया कि शेरीन का शव कहां है। जब शेरीन का शव मिला तो वो पूरी तरह विघटित था। कीड़ों ने उसके अंगों को खा लिया था, जिससे डॉक्टरों को उसका पोस्टमार्टम करने में भी काफी दिक्कतें आईं। जिसके कारण डॉक्टर ये भी पता नहीं ला पाए कि उसकी मौत की असल वजह क्या थी। कोर्ट ने कहा कि आरोपी मैथ्यूज ने अपराध किया और उसे छिपाया। बच्ची के दांत भी गिर चुके थे।
वहीं मैथ्यूज के वकील का कहना है कि मैथ्यूज के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिल पाया और वो बस इसलिए दोषी है क्योंकि उसने इमरजेंसी नंबर 911 पर फोन नहीं किया।
पुलिस से क्या कहा था?
मैथ्यूज ने बाद में अपना बयान बदलते हुए कहा था कि वह जबरन शेरीन को दूध पिला रहा था तभी उसकी दम घुटने से मौत हो गई। उसने कहा था कि वह शेरीन की मौत के बाद काफी डर गया था और उसके शव को एक बैग में लपेटकर घर के पास स्थित एक पुलिया पर फेंक दिया। अभियोजकों का कहना है कि शेरीन जितने भी समय अमेरिका में रही उसके साथ शोषण किया गया।
शेरीन का शव मिलने के बाद मैथ्यूज और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसकी पत्नी के खिलाफ कोई सबूत ना मिलने पर उसे रिहा कर दिया गया। मैथ्यूज की एक सगी बेटी भी है। शेरीन की मौत के मामले ने ना केवल अमेरिका बल्कि भारत का भी ध्यान खींचा। तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी बच्ची को न्याय मिलने की बात कही थी। शेरीन की मौत के बाद भारत में गोद लेने के नियमों को और भी सख्त कर दिया गया।