यूपी के बरेली जिला अस्पताल और महिला चिकित्सालय के डॉक्टरों के रेफर के खेल में अब बुधवार को चार दिन की बच्ची की तड़पकर मौत हो गई। मामले में डॉक्टरों की लापरवाही को देखते हुए शासन ने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निलंबित कर दिया है। साथ ही जिला महिला अस्पताल की अधीक्षिका के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मालूम हो कि कुछ दिन पहले भी डॉक्टरों के रेफर करने में एक गर्भवती महिला की भी मौत हुई थी, जिसकी जांच चल रही है।
बिशारतगंज के गोकिलपुर गांव निवासी योगेंद्र पाल पल्लेदारी करता है। उसकी पत्नी प्रीति ने चार दिन पहले बेटी को जन्म दिया था। पैदा होने के बाद ही उसकी हालत बिगड़ गई तो परिवार ने एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। पैसे न होने पर परिवार बुधवार को बच्ची उर्वशी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा। योगेंद्र के मुताबिक, पर्चा बनवाने के बाद बाल रोग विशेषज्ञ डाक्टर चौहान को बच्ची को दिखाया तो उन्होंने महिला अस्पताल जाने को कह दिया, जहां एसएनसीयू है। परिवार बच्ची को लेकर महिला अस्पताल पहुंचा तो वहां डाक्टर ने कहा कि जिस डाक्टर ने पहले देखा है, वही भर्ती करेगा। इस तरह करीब तीन घंटे तक चार दिन की बच्ची को लिए उसकी नानी और पिता योगेंद्र भटकते रहे। महिला अस्पताल की सीढ़ियों पर बच्ची ने तड़पकर दम तोड़ दिया।
वहीं, मुख्यमंत्री योगी ने जिला अस्पताल में बीमार बच्चे का इलाज न करने और लापरवाही के आरोप में जिला पुरुष अस्पताल के सीएमएस डा. कमलेंद्र स्वरूप गुप्ता को निलंबित कर दिया है। वहीं, जिला महिला अस्पताल की अधीक्षिका डा. अलका शर्मा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हमारे यहां 4 बेड हैं और 8 बच्चे भर्ती किए गए हैं। ऐसे में जगह नहीं है और जिला अस्पताल से अक्सर बच्चों को यहां भेजा जा रहा है। बच्ची पहले जिला अस्पताल आई थी और वहीं इलाज होना चाहिए था। मेरे अस्पताल के स्टाफ की गलती नहीं है।
-डॉ. अलका शर्मा, सीएमएस, महिला अस्पताल
सभी को निर्देश दिया गया है कि मरीज किसी भी बीमारी से पीड़ित हो, तत्काल उसका इलाज किया जाए। परिजन इमरजेंसी के बजाय महिला अस्पताल गए थे और वहीं पर नवजात बच्चों की देखभाल वाली यूनिट है।
-डॉ. केएस गुप्ता, एडीएसआईसी, जिला अस्पताल