अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के बैनर तले दिल्ली पहुंचे देश भर के हजारों किसानों ने बृहस्पतिवार को किसान मुक्ति मार्च निकाला जो आज संसद भवन पहुंचने वाला है। दिल्ली की चार दिशाओं से निकाले गए मार्च की दिशा रामलीला मैदान रही। यहां रात भर ठहरने के बाद करीब 200 संगठनों से जुड़े किसान आज सुबह संसद की तरफ कूच कर चुके हैं। वे पूर्ण कर्ज माफी के साथ फसल की लागत का डेढ़ गुना मुनाफा दिलाने के लिए आवाज बुलंद करेंगे। उधर दिल्ली पुलिस ने किसानों को नई दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी थी लेकिन बाद में इसकी अनुमति दे दी गई।
सबसे लबे मार्च की अगुवाई स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने की, जबकि तीन यात्राएं निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन नजदीक गुरुद्वारा श्री बाला साहिब, आनंद विहार रेलवे स्टेशन व सब्जी मंडी से निकाली गई। चारों यात्राओं में देश के अलग-अलग हिस्सों के किसान शामिल हुए। यादव ने कहा कि किसान मुक्ति मार्च देश के किसानों की लूट, आत्महत्या, शोषण और अन्याय से मुक्ति की यात्रा है। इस यात्रा में किसान अकेले नहीं हैं, बल्कि पूरा देश उनके साथ चल रहा है।
यह है किसानों की मांग
सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर बीते दिनों किसान संसद की तरफ से पारित दो अहम विधेयकों को पास कराए। पहला कानून किसानों को एक बार में पूरी तरह से ऋण मुक्त किया जाए। दूसरा कृषि उपज का उचित और लाभकारी मूल्य से जुड़ा है। इसमें किसानों की आय फसल की लागत का डेढ़ गुना करने का प्रावधान है।
कई जगह यातायात प्रभावित
गाजियाबद एसएसपी उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि किसान मुक्ति मार्च के चलते दिल्ली में कई जगह यातायात प्रभावित रहा। मजनूं का टीला, चंदगी राम अखाड़ा, कश्मीरी गेट आईएसबीटी, समालखा, एनएच 8, धौला कुआं, नोएडा में ट्रैफिक पुलिस को यातायात व्यवस्था बहाल रखने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। दिल्ली में प्रवेश के रास्तों पर पुलिस बल तैनात किया गया और ट्रेक्टर ट्रॉली को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।
देर शाम रामलीला मैदान पहुंचने के बाद 29 नवंबर की शाम को एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें पूरे देश की छटा दिखी। अलग-अलग हिस्से आए किसानों ने अपने-अपने इलाके के कार्यक्रम पेश किए।
किसानों ने बिजवासन से रामलीला मैदान के लिए कूच किया। करीब 26 किमी के सफर में रास्ते भर किसान नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ते रहे। देर शाम किसानों का काफिला रामलीला मैदान पहुंचा।
तमिलनाडु से दिल्ली पहुंचे किसानों का कहना है कि शुक्रवार को संसद मार्च में सरकार खलल डालने की कोशिश न करे। अगर पुलिस ने किसानों को रोकने की कोशिश तो वह नग्न होकर मार्च करेंगे। किसानों का यह समूह आत्महत्या कर चुके अपने साथी किसानों की खोपड़ी लेकर आया है। इनके नेता पी. अय्याकन्नू ने कहा कि दक्षिण भारतीय नदी जोड़ कृषक संगठन के करीब 1200 किसान रामलीला मैदान में हैं। इससे पहले भी किसानों का यह संगठन दिल्ली के जंतर मंतर पर अजब-गजब तरीकों से प्रदर्शन कर चुका है।
स्वराज इंडिया के प्रवक्ता अनुपम ने कहा कि दो मांगों से जुड़ा एक पत्र प्रधानमंत्री समेत सभी राजनीतिक दलों को भेजा है। जो-जो दल किसानों की आय को डेढ़ गुना करने व पूर्ण कर्जमाफी से राजी हैं, वह संसद मार्च में शामिल होंगे। शुक्रवार सुबह किसान नेता अपनी बात रखेंगे, जबकि दूसरा सत्र राजनीतिक दलों के नाम होगा। दूसरी ओर, योगेंद्र यादव ने पुलिस से अपील की कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने दिल्ली पहुंचे हैं। पुलिस ने बृहस्पतिवार के मार्च में सहयोग किया, इसी तरह आगे भी सहयोग करें।
किसान मुक्ति मार्च के दौरान पूरे रास्ते में किसानों ने आम दिल्लीवालों को पर्चा बांटा। इसमें मार्च से होने वाली परेशानी के लिए माफी गई थी। पर्चे में लिखा था कि माफ कीजिएगा, हमारे इस मार्च की वजह से आपको परेशानी हुई होगी। लेकिन हमारा इरादा आपको तंग करने का नहीं है। हम खुद बहुत परेशान हैं। सरकार को और आप सबको अपनी बात सुनाने दिल्ली आए हैं। पर्चे में अनाज, सब्जियों व फलों के रेट लिखकर बताया गया था कि थोक व खुदरा कीमत में कितना फर्क है। मसलन, सेब किसान से 10 रुपये में खरीदा जाता है, जबकि आम लोगों को 110 रुपये में बाजार से मिलता है। मूल्य के इस अंतर को अपनी परेशानी की मूल वजह बतायी गई थी। साथ ही इस परेशानी से मुक्त कराने के लिए शुक्रवार के मार्च में आने की अपील भी की गई थी।
रामलीला मैदान में प्रदर्शन के दौरान 50 वर्षीय पंजाब के मानसा निवासी किसान अमरिंदर सिंह तबियत बिगड़ने से बेहोश हो गए। उनके मुंह से खून बहने लगा। प्रदर्शन स्थल पर मौजूद एम्स के डॉक्टरों ने मरीज की मदद की। उन्हें प्राथमिक उपचार देकर तत्काल लोकनायक अस्पताल भर्ती कराया। डॉक्टरों के संगठन यूआरडीए के अध्यक्ष डॉ. अंकित ओम ने बताया कि बेहोशी के चंद ही सेकंड में प्राथमिक उपचार मिलने के बाद किसान मरीज को होश आ गया। फिलहाल उनकी स्थिति पहले से बेहतर है।
दरअसल किसानों की इस महारैली में एम्स के डॉक्टरों ने आपस में चंदा इकट्ठा कर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया है। एम्स रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हरजीत भट्टी ने बताया कि शिविर में शाम तक करीब 300 किसानों की स्वास्थ्य जांच की गई। ज्यादात्तर किसानों को शरीर में दर्द, जुकाम और घबराहट की शिकायत देखने को मिल रही है।
देशभर से किसान मार्च में दिल्ली आए किसानों के लिए दिल्ली पुलिस ने कड़े इंतजाम किए हैं। कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए दिल्ली पुलिस के दो हजार से अधिक पुलिसकर्मियों के अलावा अतिरिक्त सुरक्षा बलों की 21 कंपनियां तैनात रहेंगी। इनमें भारी संख्या में महिला पुलिस बल को भी तैनान किया गया है। सारे इंतजाम मध्य दिल्ली और नई दिल्ली के लिए किए गए हैं। मार्च रामलीला मैदान से चलकर संसद की ओर कूच करेगा।