रामलीला मैदान में दिखी देश की छटा
देर शाम रामलीला मैदान पहुंचने के बाद 29 नवंबर की शाम को एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें पूरे देश की छटा दिखी। अलग-अलग हिस्से आए किसानों ने अपने-अपने इलाके के कार्यक्रम पेश किए।
समाजसेवी मेधा पाटकर भी हुईं शामिल
किसानों ने बिजवासन से रामलीला मैदान के लिए कूच किया। करीब 26 किमी के सफर में रास्ते भर किसान नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ते रहे। देर शाम किसानों का काफिला रामलीला मैदान पहुंचा।
बीच रास्ते में वंदेमातरम मार्ग पर समाजसेवी मेधा पाटकर भी यात्रा में शामिल हुई।
किसान बोले, संसद मार्च में खलल डालने की कोशिश न करे सरकार
तमिलनाडु से दिल्ली पहुंचे किसानों का कहना है कि शुक्रवार को संसद मार्च में सरकार खलल डालने की कोशिश न करे। अगर पुलिस ने किसानों को रोकने की कोशिश तो वह नग्न होकर मार्च करेंगे। किसानों का यह समूह आत्महत्या कर चुके अपने साथी किसानों की खोपड़ी लेकर आया है। इनके नेता पी. अय्याकन्नू ने कहा कि दक्षिण भारतीय नदी जोड़ कृषक संगठन के करीब 1200 किसान रामलीला मैदान में हैं। इससे पहले भी किसानों का यह संगठन दिल्ली के जंतर मंतर पर अजब-गजब तरीकों से प्रदर्शन कर चुका है।
किसान संगठनों ने सभी दलों को भेजा पत्र
स्वराज इंडिया के प्रवक्ता अनुपम ने कहा कि दो मांगों से जुड़ा एक पत्र प्रधानमंत्री समेत सभी राजनीतिक दलों को भेजा है। जो-जो दल किसानों की आय को डेढ़ गुना करने व पूर्ण कर्जमाफी से राजी हैं, वह संसद मार्च में शामिल होंगे। शुक्रवार सुबह किसान नेता अपनी बात रखेंगे, जबकि दूसरा सत्र राजनीतिक दलों के नाम होगा। दूसरी ओर, योगेंद्र यादव ने पुलिस से अपील की कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने दिल्ली पहुंचे हैं। पुलिस ने बृहस्पतिवार के मार्च में सहयोग किया, इसी तरह आगे भी सहयोग करें।
पर्चा बांटकर परेशानी के लिए मांगी माफी
किसान मुक्ति मार्च के दौरान पूरे रास्ते में किसानों ने आम दिल्लीवालों को पर्चा बांटा। इसमें मार्च से होने वाली परेशानी के लिए माफी गई थी। पर्चे में लिखा था कि माफ कीजिएगा, हमारे इस मार्च की वजह से आपको परेशानी हुई होगी। लेकिन हमारा इरादा आपको तंग करने का नहीं है। हम खुद बहुत परेशान हैं। सरकार को और आप सबको अपनी बात सुनाने दिल्ली आए हैं। पर्चे में अनाज, सब्जियों व फलों के रेट लिखकर बताया गया था कि थोक व खुदरा कीमत में कितना फर्क है। मसलन, सेब किसान से 10 रुपये में खरीदा जाता है, जबकि आम लोगों को 110 रुपये में बाजार से मिलता है। मूल्य के इस अंतर को अपनी परेशानी की मूल वजह बतायी गई थी। साथ ही इस परेशानी से मुक्त कराने के लिए शुक्रवार के मार्च में आने की अपील भी की गई थी।
किसान रैली में बुजुर्ग बेहोश, डॉक्टरों ने की मदद
रामलीला मैदान में प्रदर्शन के दौरान 50 वर्षीय पंजाब के मानसा निवासी किसान अमरिंदर सिंह तबियत बिगड़ने से बेहोश हो गए। उनके मुंह से खून बहने लगा। प्रदर्शन स्थल पर मौजूद एम्स के डॉक्टरों ने मरीज की मदद की। उन्हें प्राथमिक उपचार देकर तत्काल लोकनायक अस्पताल भर्ती कराया। डॉक्टरों के संगठन यूआरडीए के अध्यक्ष डॉ. अंकित ओम ने बताया कि बेहोशी के चंद ही सेकंड में प्राथमिक उपचार मिलने के बाद किसान मरीज को होश आ गया। फिलहाल उनकी स्थिति पहले से बेहतर है।
दरअसल किसानों की इस महारैली में एम्स के डॉक्टरों ने आपस में चंदा इकट्ठा कर निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया है। एम्स रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हरजीत भट्टी ने बताया कि शिविर में शाम तक करीब 300 किसानों की स्वास्थ्य जांच की गई। ज्यादात्तर किसानों को शरीर में दर्द, जुकाम और घबराहट की शिकायत देखने को मिल रही है।
पुलिस ने किए कड़े इंतजाम…
देशभर से किसान मार्च में दिल्ली आए किसानों के लिए दिल्ली पुलिस ने कड़े इंतजाम किए हैं। कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए दिल्ली पुलिस के दो हजार से अधिक पुलिसकर्मियों के अलावा अतिरिक्त सुरक्षा बलों की 21 कंपनियां तैनात रहेंगी। इनमें भारी संख्या में महिला पुलिस बल को भी तैनान किया गया है। सारे इंतजाम मध्य दिल्ली और नई दिल्ली के लिए किए गए हैं। मार्च रामलीला मैदान से चलकर संसद की ओर कूच करेगा।
दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त प्रवक्ता अनिल मित्तल ने बताया कि किसान मार्च के लिए दिल्ली पुलिस के दो हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इनमें 1796 पुलिस अधिकारी, सिपाही व सब इंस्पेक्टर पद तक के हैं। 166 अधिकारी इंस्पेक्टर से अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त तक के रहेंगे। इसके अलावा अतिरिक्त सुरक्षा बलों की 21 कंपनियां, जिनमें दो महिला कंपनी भी शामिल हैं, उनको लगाया गया है। इसके अलावा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल को रिजर्व रखा गया है। पूरे हालात पर नजर रखने के लिए स्पेशल सीपी नॉर्थ और साउथ के अलावा अपनी-अपनी रेंज के संयुक्त आयुक्त भी तैनात रहेंगे।