Wednesday , July 30 2025
ताज़ा खबर
होम / राज्य / मध्य प्रदेश / मध्य प्रदेश में कोलबेड मीथेन का अकूत भंडार मिला, छतरपुर और दमोह जिले में ओएनजीसी को खनन की अनुमति

मध्य प्रदेश में कोलबेड मीथेन का अकूत भंडार मिला, छतरपुर और दमोह जिले में ओएनजीसी को खनन की अनुमति

छतरपुर 

 प्राकृतिक संसाधनों से मध्य प्रदेश की झोली जल्द ही भरने जा रही है. केन्द्र सरकार की मदद से मध्यप्रदेश को कोलबेड मीथेन की खोज में बड़ी सफलता हाथ लगी है. छतरपुर व दमोह जिले के इलाके में प्राकृतिक गैस के लिए कोलबेड मीथेन का बड़ा भंडार मिला है. छतरपुर और दमोह जिले के इस 462 वर्ग किलोमीटर एरिया में जल्द ही खनन की तैयारी की जा रही है.

ONGC को खनन की जिम्मेदारी मिली

खनन का काम देश की नवरत्न कंपनियों में शामिल ओएनजीसी यानी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन द्वारा किया जाएगा. इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. अधिकारियों के मुताबिक खनन के लिए ओएनजीसी को प्रोविनजल लीज आवंटित कर दी गई है.

कोल बेड मीथेन का मध्य प्रदेश बड़ा उत्पादक

मध्यप्रदेश में प्राकृतिक गैस के भंडार के कई बड़े संभावित क्षेत्रों को लेकर लंबे समय से खोज चल रही है. कोलबेड मीथेन का मध्य प्रदेश बड़ा उत्पादक रहा है. देश का 40 फीसदी कोलबेड मीथेन का उत्पादक मध्यप्रदेश है. मध्य प्रदेश में अभी यह 40 फीसदी की पूति सिर्फ सोहागपुर के दो ब्लॉक ईस्ट और वेस्ट से ही हो रही है. इन स्थानों पर रिलायंस कंपनी के 300 कुएं हैं, जिससे गैस निकाली जा रही है.

छतरपुर और दमोह करेगा मध्य प्रदेश की जरूरत पूरी

रिलायंस की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस गैस पाइपलाइन लिमिटेड यहां से उत्तर प्रदेश के फूलपुर तक 302 किलोमीटर की एक पाइपलाइन भी ऑपरेट करती है. अभी इन कुओं से 234.37 मिलियन मीट्रिक स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर सीबीएम का उत्पादन हो रहा है. मध्यप्रदेश के छतरपुर और दमोह में कोल बेडमीथेन के उत्पादन के बाद मध्यप्रदेश बड़े स्तर पर इसकी जरूरत को पूरा करेगा.

विन्ध्य, सतपुडा के अलावा नर्मदा वैली में संभावनाएं

मध्यप्रदेश के विन्ध्य, सतपुडा के अलावा नर्मदा वैली में पेट्रोलियन और प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार की संभावनाएं जताई जा रही हैं. 2017 में हाइड्रोकार्बन रिसोर्स असिस्मेंट की एक स्टडी भी हुई थी, जिसमें संभावना जताई गई थी कि इन क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस के भंडार मौजूद है. अनुमान है कि इन क्षेत्रों में 5 लाख 55 हजार 254 मिलियन टन हाइड्रोकार्बन का भंडार मौजूद है.

हालांकि अब खोज के बाद छतरपुर-दमोह में खनन की तैयारियां शुरू की जा रही हैं. खनिज संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव के मुताबिक "इसको लेकर केन्द्र से अनुमतियां मिल गई हैं और इसके तहत प्रोविजनल लीज दी गई है. कुछ और प्रोसेस बची है, इसे भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा."

शहडोल व उमरिया जिले में भी ओनजीसी को लाइसेंस

मध्यप्रदेश के छतरपुर-दमोह के अलावा शहडोल, उमरिया जिले में में पेट्रोलियम एक्सप्लोर करने के लिए ओएनजीसी को पहले ही लाइसेंस दिया गया है. इसके अलावा बैतूल, छिंदवाड़ा, नर्मदापुर में भी एनवेनियर पेट्रोडाउन लिमिटेड को पेट्रोलियन एक्सप्लोरेशन लाइसेंस दिया गया है. इन दोनों ही स्थानों पर काम भी शुरू हो गया है. इन दोनों स्थानों पर अगले 20 सालों में एक्सप्लोरेशन पर करीबन साढे 8 हजार करोड़ रुपए खर्च होगा.

क्या है कोलबेड मीथेन गैस, किस काम आती है

गौरतलब है कि कोलबेड मीथेन अपरंपरागत गैस का बड़ा स्रोत है. कोलबेड मीथेन कोयले की चट्टानों में पाई जाती है. इसे चट्टानों में ड्रिल करके निकाला जाता है. इसके लिए चट्टानों के नीचे ग्रिल करके भूमिगत जल को हटाकर इकट्ठा किया जाता है. कोयला भंडार के मामले में भारत दुनिया में पांचवें स्थान पर है. 

हीरा उगलने वाली छतरपुर की धरती में अब एक और खनिज का विशाल भंडार मिला

छतरपुर जिले के बक्सवाहा के जंगलों में एशिया का सबसे अच्छा हीरा पाया गया. इसके बाद यहां हीरा निकालने के लिए सरकार ने पूरी तैयारियां कर ली हैं. इसी जंगल में अब फॉस्फेट की चट्टानें मिली हैं. इन चट्टानों में बहुतायात में फॉस्फोराइट खनिज है. फिलहाल 57 लाख मीट्रिक टन रॉक फॉस्फेट के भंडार का पता चला है. हीरा के बाद इस खनिज के मिलने के बाद छतरपुर जिला मध्य प्रदेश में नंबर 1 पर पहुंच जाएगा.

खाद बनाने के लिए फॉस्फोराइट का इस्तेमाल

बता दें कि उर्वरक बनाने के लिए फॉस्फोराइट महत्वपूर्ण कच्चा माल माना जाता. खासकर, डीएपी खाद बनाने के लिए इसका उपयोग होता है. इस खोज से न केवल छतरपुर जिले का विकास होगा, बल्कि आने वाले दिनों में किसानों को खाद की उपलब्धता और उसकी कीमत में भी राहत मिलने की संभावना है. रॉक फॉस्फेट के भंडार की खोज के बाद सरकार ने खनन की अनुमति दे दी है. जल्द ही इस पर काम शुरू होने की उम्मीद है.

इससे पहले बक्सवाहा में हीरा भी प्रचुर मात्रा में मिला

गौरतलब है कि छतरपुर जिले में खनिज सम्पदा का भंडार है. बक्सवाहा इलाके में हीरा खदानें शुरू होने जा रही हैं. अब रॉक फॉस्फेट का अकूत भंडार मिलने से छतरपुर ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश में रोजगार के नए अवसर बनेंगे. मध्य प्रदेश सरकार का खजाना छतरपुर की खनिज संपदा भर देगी. छतरपुर जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर बड़ामलहरा अनुविभाग के बकस्वाहा तहसील इलाके के सूरजपुरा में फॉस्फोराइट पत्थर की खोज हुई है. 

बक्सवाहा के सूरजपुरा में सरकार ने दी खनन की मंजूरी

भू-वैज्ञानिकों ने सर्वेक्षण में जिले के सूरजपुरा व इससे लगे पल्दा, सगौरिया, गरदौनियां में 1070 हेक्टेयर में फॉस्फोराइट का विशाल भंडार पाया है. अब इस भंडार पर हाल ही में केंद्र सरकार ने खनन की मंजूरी दे दी है. इससे यहां उद्योग स्थापित होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं. केंद्र सरकार के खनन मंत्रालय ने इस क्षेत्र में खनन कार्य के लिए लीज स्वीकृत कर दी है. यह लीज सनफ्लैग आयरन एंड स्टील कंपनी को दी गई है. इस कंपनी को आगामी 3 साल तक खनन करने की अनुमति दी गई है. 

क्या होता है फॉस्फोराइट

महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के भूगर्भ विभाग में पदस्थ एचओडी डॉ. पीके जैन ने बताया "फॉस्फोराइट एक मिनरल होता है, जिसका स्रोत रॉक फॉस्फेट चट्टान होती है. इसी रॉक फॉस्फेट चट्टान में फॉस्फोराइट मिनरल डिपॉजिट होते हैं. छतरपुर जिले के बक्सवाहा के आसपास के गांव में इस खनिज तत्व के खोज की पुष्टि हुई है. बकस्वाहा तहसील के सूरजपुरा और आसपास के गांवों में फॉस्फोराइट खनिज तत्व डिपोजिट हैं. यह एक सेडिमेंट्री रॉक (अवसादी चट्टान) हैं और फॉस्फोराइट इसका प्रमुख स्रोत माना जाता है. 

फास्फोराइट का कैसे होता है उपयोग

छतरपुर जिले में मिले फास्फोराइट फॉस्फोरस का प्रमुख स्रोत होता है. इसका उपयोग कृषि क्षेत्र में उर्वरक DAP खाद के रूप में किया जाता है. वहीं पशु आहार, डिटर्जेंट, रसायनों, सिरेमिक, डाई, प्लास्टिक और अन्य औद्योगिक उत्पादों में भी इसका प्रयोग किया जाता है. कृषि प्रधान देश में इसकी मांग लगातार बनी रहती है. इसका खनन और दोहन आर्थिक दृष्टिकोण से अत्यंत फायदेमंद होता है,

निजी कंपनी को 3 साल तक खनन करने की परमिशन

जिला खनिज अधिकारी अमित मिश्रा बताते हैं 'सूरजपुरा क्षेत्र में 1070 हेक्टेयर में फास्फोराइट सर्वे में पाया गया है. फॉस्फोराइट पत्थर चट्टन के खनन की अनुमति सनफ्लैग आयरन एंड स्टील को मिली है. कंपनी को पर्यावरण स्वीकृति, वन विभाग की अनापत्ति और राज्य खनिज विभाग की औपचारिक अनुमति प्राप्त करनी होगी. इसके बाद यहां खनन का काम शुरू होगा. स्वीकृत लेने के बाद कंपनी को 3 साल तक खनन करने की अनुमति मिलेगी. परियोजना के लिए कंपनी विस्तृत खनन योजना तैयार करनी होती है, जिसमें खनन के तकनीकी चरण, श्रमिकों की नियुक्ति, पर्यावरण की अनुमित, अपशिष्ट प्रबंधन, परिवहन और सुरक्षा अनिवार्य होती है. 

छतरपुर जिले में रोजगार की संभावनाएं बढ़ी

छतरपुर जिले में शुरू होने वाले इस बड़ी खनन परियोजना के शुरू होने से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे. इस परियोजना में कुशल, अर्धकुशल और अकुशल श्रमिकों की आवश्यकता होगी. इसके अलावा खनन से संबंधित परिवहन, मशीनरी, भंडारण, भोजन, सुरक्षा और अन्य सहायक सेवाओं में भी बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होगा.

बक्सवाहा के जंगलों में 6000 किलो हीरा

बता दें कि छतरपुर जिले के बक्सवाहा के जंगल मध्य प्रदेश की तकदीर और तस्वीर बदलने का दम रखती है. 25 साल पहले बंदर डायमंड प्रोजेक्ट के तहत बक्सवाहा के जंगलों में एक सर्वे शुरू हुआ था, जिसमें जमीन के नीचे 3 करोड़ कैरेट से ज्यादा (लगभग 6000 किलो) हीरे का भंडार होने का दावा किया गया था. उस वक्त इस डायमंड डिपॉजिट की अनुमानित कीमत 55 हजार करोड़ रुपये आंकी गई थी, जो अब लगभग 60 से 70 हजार करोड़ रुपये के करीब है. यहां जल्द ही हीरा खदानें शुरू होने वाली हैं. 

slot gacor slot gacor sabung ayam online jabartoto Slot777 Slot88 Slot Gacor Slot Maxwin slot pulsa Slot Dana mancing138 mancing138 mancing138 anoboytoto slot gacor toto slot slot gacor situs toto Slot Gacor Slot Resmi Slot88 slot gacor slot gacor Situs toto Jogjatoto jogjatoto Slot88 Resmi https://dpupkp.slemankab.go.id/ Slot Gacor 2025 slot gacor slot gacor Slot 2025 slot dana slot gacor Slot Gacor Malam Ini Slot Gacor 2025 slot gacor slot dana https://pariwisata.sultraprov.go.id/ Slot777 slot thailand slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor info kabar slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor https://edu.pubmedia.id/ https://stikesrshusada.ac.id/ https://ijsl.pubmedia.id/ Situs Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor info kabar Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://dakukeren.balangankab.go.id/ slot gacor slot gacor slot gacor https://elearning.unka.ac.id/ https://jurnal.unka.ac.id/bo/ https://jurnal.unka.ac.id/rep/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot mahjong slot gacor pohon169 pohon169 slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://jurnal.unka.ac.id/ https://unisbajambi.ac.id/ https://sia.unisbajambi.ac.id/ https://sipp.pn-garut.go.id/ https://fatecjahu.edu.br/ https://poltekkesbengkulu.ac.id/ https://journal.unublitar.ac.id/ https://poltekkes-pontianak.ac.id/ https://conference.upgris.ac.id/ https://kabar.tulungagung.go.id/wop/ slot gacor Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor Hari Ini slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor Slot Gacor
  • toto hk
  • togel hongkong
  • toto hk
  • pg77
  • situs pg77
  • pg77 login