बेगूसराय
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने मंगलवार को कहा कि चुनाव आयोग को हरे झंडों के प्रयोग को प्रतिबंधित कर देना चाहिए। इस रंग के झंडों को अक्सर मुस्लिमों से जुड़े राजनीतिक और धार्मिक निकायों से जोड़कर देखा जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये घृणा फैलाते हैं और पाकिस्तान में इस्तेमाल होने की धारणा बनाते हैं। हिंदुत्व को लेकर अपने कट्टर विचारों के लिए चर्चित गिरिराज सिंह ने कहा कि इस संसदीय क्षेत्र से उनकी जंग उस ‘गिरोह’ के खिलाफ है जो भारत के ‘टुकड़े’ करने के लिए काम कर रहा है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और विकास के अजेंडा का प्रतिनिधित्व करते हैं। गिरिराज ने कहा कि बीजेपी नीत एनडीए, बिहार (यहां लोकसभा की 40 सीटें हैं) में 2014 में जीती गई 31 सीटों के आंकड़ों को सुधारेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद प्रत्येक सीट पर गठबंधन के उम्मीदवार हैं और इसके सभी प्रत्याशी ‘उनके ही प्रतीक’ हैं।
पिछली बार नवादा से जीते, इस बार बेगूसराय से उतारे गए गिरिराज
बता दें कि बेगूसराय में त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है, जहां गिरिराज सिंह का सामना आरजेडी के तनवीर हसन और सीपीएम के युवा नेता कन्हैया कुमार से है। उन्होंने 2014 में 1.4 लाख मतों के अंतर से बिहार की नवादा लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार उन्हें बेगूसराय से टिकट दिया गया है। उन्होंने इस बदलाव को लेकर सार्वजनिक तौर पर रोष प्रकट किया था, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें मना लिया। पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने खुद उनसे बातचीत की थी।
बेगूसराय में कन्हैया और गिरिराज की सीधी टक्कर
इस सीट पर होने जा रही टक्कर इस बार के आम चुनावों में सबसे ज्यादा चर्चा में है क्योंकि सिंह को बीजेपी के कट्टर हिंदुत्व चेहरे के तौर देखा जाता है, वहीं जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार खुद को भगवा विचारधारा को चुनौती देने वाले निर्भीक उम्मीदवार के तौर पर पेश कर रहे हैं। इस सीट पर चुनाव 29 अप्रैल को होने हैं। सिंह ने कहा, ‘अलगाववाद और आतंकवाद के समर्थक इस निर्वाचन क्षेत्र में जमा हो गए हैं।’ सिंह ने यह हमला स्पष्ट तौर पर कुमार पर किया जिन पर बीजेपी जेएनयू के उन छात्र प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने का आरोप लगा रही है, जिन्होंने कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए थे। हालांकि, कुमार ने इन आरोपों को खारिज किया है।