– बैंक के 7 अधिकारी और एजेंटों ने फर्जी संस्था के भाम पर लोन निकालकर की 62 लाख धोखाधडी
– नौ जालसाज गिरफ्तार
आम सभा,भोपाल। राजधानी के हनुमानगंज और कोहेफिजा थाना पुलिस ने लोन माफिया गिरोह का पर्दाफाश किया है। बैंक के 7 अधिकारी, कर्मचारी और एजेंटों ने मिलकर फर्जी संस्था के नाम से लोन निकाला और 62 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। आरोपियों में तीन बैंक मैनेजर भी शामिल हैं। पुलिस की संयुक्त टीम ने 9 जालसाजों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने फर्जी संस्था बनाकर भोपाल की सिंडीकेट और यूको बैंक की अलग-अलग शाखाओं से व्यापार के नाम पर कई लोन लिए थे। सभी ने लोन का बंटवारा कर किश्तें भरना बंद कर दिया।
डीसीपी जोन-थ्री रियाज इकबाल ने बताया धोखाधड़ी के संबंध में पहली शिकायत टीलाजमालपुरा निवासी कन्हैयालाल डाबी ने हनुमानगंज थाने में की थी। उन्होंने बताया कि सिंडीकेट (केनरा बैंक में उनके नाम पर फुटवेयर व्यापार के नाम पर 7 लाख रुपए का फर्जी लोन लिया गया। आरोपी जमना प्रसाद चौधरी ने बैंक मैनेजर देवेंद्र साहू से मिलीभगत कर लोन पास कराया। जमना ने अपने दोस्त मनोज तोमर के साथ मिलकर उसके मामा प्रमोद वर्मा के नाम पर फर्जी दुकान के दस्तावेज बनवाए। इसे वर्मा ट्रेडर्स का नाम दिया गया। वर्मा ट्रेडर्स का खाता बाम्बे मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक पीरगेट में खोला गया था। इसके बाद पुलिस ने जमना मनोज तोमर, प्रमोद वर्मा, देवेंद्र साहू, आबिद व अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया ।
बैंकों से मांगी डिफाल्टर की जानकारी : डीसीपी रियाज ने बताया उन्होंने सभी बैंकों से लघु उद्योग के नाम पर लोन लेकर डिफाल्टर होने वालों की सूची मांगी है। लापरवाही के संबंध में दोनों बैंक के चेयरमैन को ठीक से मॉनीटरिंग कराने के लिए पत्र लिखा है। इस मामले में आगे और भी खुलासे हो सकते हैं।
फर्जी रजिस्ट्रेशन और जीएसटी नंबर निकला
पुलिस ने जांच शुरू की तो दुकान का रजिस्ट्रेशन फर्जी पाया गया। जमा दस्तावेजों में जीएसटी नंबर भी फर्जी था। बैंक मैनेजर देवेंद्र साहू ने वर्मा ट्रेडर्स नाम की फर्जी संस्था को 4 लोन बिना वेरीफिकेशन के दिए। वर्मा ट्रेडस् का खाता 30 मार्च 2016 को खुला था। ये 11 जुलाई 2022 तक चालू रहा। इस बीच खाते में अलग-अलग बैंकों से 62 लाख रुपए जमा किए गए। ये रकम 18 डिमांड ड्राफ्ट्स के जरिए जमा कराई गई।
यूको बैंक से लिया लोन
जांच में पता लगा कि वर्मा टेडर्स के इसी खाते में कोहेफिजा इलाके में स्थित यूको बैंक से 16 लाख रुपए का लोन और 2.17 लाख रुपए की शासन की सब्सिडी वाली योजना पर लोन लिया गया। बैंक की ये शाखा लालघाटी हलालपुर बस स्टैण्ड पर है। बैंक मैनेजर दुलारी यादव ने आरोपी शंकर और बहार मियां के साथ मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया। वर्मा ट्रेडर्स के खाते में 7 डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से यह राशि जमा कराई गई।
एक-दो किश्तें भरना के बाद किश्त भरना बंद
इस मामले में पुलिस ने आरोपी सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर मुकेश श्रीवास्तव, प्रमोद वर्मा, देवेंद्र साहू, जमना प्रसाद चौधरी, मनोज तोमर, बहार मियां, शंकर साव, राजकुमार और लव को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने वर्मा ट्रेडर्स के खाते में फर्जी दस्तावेज के जरिए शासन की हितग्राही लोन और अनुदान राशि जमा कराई। इस राशि को आपस में बांट लिया करते थे। सभी लोन में 1-2 किश्त जमा करने के बाद लोन भरना बंद कर दिया जाता था। बैंक में इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।