Saturday , July 27 2024
ताज़ा खबर
होम / मध्य प्रदेश / स्कोप महाविद्यालय में शिक्षक समग्र व्यक्तित्व विकास कार्यशाला का भव्य शुभारंभ

स्कोप महाविद्यालय में शिक्षक समग्र व्यक्तित्व विकास कार्यशाला का भव्य शुभारंभ

आम सभा, भोपाल : भोपाल शहर के सुविख्यात महाविद्य़ालय स्कोप कालेज आफ इंजीनियरिंग में तीन दिवसीय कार्यशाला का भव्य शुभारंभ किया गया। जैसा की स्कोप महाविद्यालय के लिये सर्वविधित है की यह संस्था अपने छात्र-छात्राओं व षिक्षकगणों के व्यक्तित्व विकास के लिये सतत् प्रयासरत् रहता है। इसी श्रृंखला में संस्था के सभागार में एक वृहद तीन दिवसीय कार्यषाला-शिक्षक समग्र व्यक्तिव विकास कार्यषाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भोपाल शहर के जाने-माने षिक्षाविध, मनोवैज्ञानिक प्रबंधन गुरू, कार्पोरेट जगत के तथा आध्यात्मिक विचार धारा के विद्वान मनिषियों के द्वारा व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की जायेगी। इस कार्यषाला का आयोजन संस्था के द्वारा बड़े ही उत्कृष्ट तरीके से किया गया है।

संस्था में अपनी परम्पराओं को आगे बढ़ाते हुये कार्यषाला की शुरूआत दीप प्रज्जलन एवं सरस्वती वंदना से किया गया। सभी उपस्थित अतिथिगण व संस्था के ग्रुप संचालक डाॅ. देवेन्द्र सिंह एवं सभी षिक्षकगण व छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना में हिस्सा लिया।

कार्यषाला की भव्य शुरूआत संस्था के ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेन्ट डायरेक्टर डाॅ. मोनिका सिंह सभी आमंत्रित विद्वानजनों का स्वागत किया। संस्था के ग्रुप संचालक डाॅ. देवेन्द्र सिंह में अपने स्वागत भाषण में षिक्षकगणों के सतत् समग्र विकास पर बल देते हुये कहा की जब शिक्षक हर चुनौती के लिये स्वयं को तैयार करेगा तभी वो अपने छात्र-छात्राओं को समय के साथ आगे बढ़ते हुये सफलता की ऊंचाईयों को छूने के लिये तैयार कर सकेगा। उन्होंने अनुशासन व समय की महत्ता को भी जीवन में महत्वपूर्ण स्थान देने हेतु समझाया।

कार्यषाला के पहले सत्र में सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग श्री अनिल सोनी जी ने आज के संदर्भ में समयानुकुल शिक्षा पद्धति के बारे में विस्तार में चर्चा की। उन्होंने बताया की किसी तरह से हमारे प्राचीन काल में हिन्दी वर्ण माला भी एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ बनायी गयी थी। उन्होंने समझाया की एक षिक्षक को दिन-प्रतिदिन अपने व्यक्तित्व के विकास के लिये पल-पल बढ़ते हुये वैज्ञानिक अविष्कारों को ध्यान में रखना चाहिये। उनके सत्र में सभी उपस्थित मंत्र मुग्ध से उनको सुन रहे थे। कार्यषाला के द्वितीय सत्र में डाॅ. अशोक नेमा प्रो. नूतन कालेज भोपाल ने भी बड़े ही सहज तरीके से बताया की किस तरह से आध्यात्म व स्वयं पर नियंत्रण व योग के द्वारा हम बडे से बडे लक्ष्य को हासिल कर सकते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)