केंद्र सरकार ने राफेल डील की प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. सरकार ने फ्रांस के साथ हुई इस डील की जानकारी सील्ड लिफाफे में कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को सौंपी है.
बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने सरकार से इस समझौते की प्रक्रिया की पूरी जानकारी मांगी थी. कोर्ट ने कहा था कि राफेल फाइटर प्लेन की तकनीकी जानकारियों और कीमत के अलावा सौदे की अन्य जानकारियां सरकार को कोर्ट को सौंपनी होंगी.
कोर्ट में इस मामले में अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी.
सीबीआई को दी गई शिकायत में वकील एमएल शर्मा ने शुक्रवार को सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधी कानून की धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) में मामला दर्ज करने का अनुरोध किया था.
अभी कुछ दिन पहले ही पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने राफेल डील में कथित आपराधिक कदाचार के लिए एफआईआर दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में कहा गया है कि उनकी शिकायत में दर्शाए गए अपराधों की केन्द्रीय जांच ब्यूरो से समयबद्ध तरीके से जांच कराने का अनुरोध किया है.
बता दें कि भारत सरकार ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का सौदा किया है. जिसपर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष पिछले काफी समय से सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है. इसपर सरकार का कहना है कि यह फैसला वायुसेना की क्षमता बढ़ाने और देशहित में लिया गया है.