– गाइडलाइन का पालन करते हुए मोटरसाइकिल पर सवार होकर सिद्ध स्थान एक सवारी ने ही पूजा अर्चना संपन्न की
आम सभा, विशाल सोनी, चंदेरी। गोगा नवमी पर निकली गोगा पीर की सवारी अशोकनगर जिले के चंदेरी में सैकड़ों वर्षों से नवमी के दिन झिझरयाने पीर से गोगा पीर की सवारी निकलतीत आ रही है गोगा नवमी पर विशाल मेला सैकड़ों वर्षों से लगता आ रहा है मेले में हजारों संख्या में श्रद्धालु गोगा पीर के दर्शन के लिए पहुंचते हैं गोगा वीर मूलतः राजस्थान के देवता है जिन्हें सैकड़ों वर्ष पहले चंदेरी लाया गया था गोवा नवमी को शांतिपूर्ण तरीके से मनाने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया जाता है गोगा पीर की सवारी शहर के मुख्य मार्ग में भ्रमण करते हुए सांङा कालोनी में बने भेंसासुर मढिया स्थान पर घोलनाओं को सवारी आतीं हैं वहीं जनता उनसे अपनी अपनी समस्याओं का समाधान पाती है।
ओर शाम के समय अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचती है झिझरयाने पीर की मडिया में जब सवारियां खेलती है तो उस समय लोगों द्वारा सवारियों से अपनी समस्याओं के बारे में पूछा जाता है और जिन जिन सवारियों को देवता आते हैं वे लोग यथासंभव लोगों की समस्याओं का समाधान भी बताते हैं रक्षाबंधन उत्सव के दूसरे दिन से ही नवमी के दिन तक सवारियों का मंदिर पर आना शुरू हो जाता है अंतिम दिन नवमी के दिन 8 से 10 सवारियां कंधे पर लोहे की साकर लेकर पूरे शहर के मुख्य मार्गों से निकलती है जब देवता सिर में आते हैं तो वह अपनी पीठ पर सांकरों से मारते हैं ज्यादा चोट ना लगे इसके लिए उपस्थित लोगों द्वारा रोक कर उनको शांत किया जाता है ।
वैश्विक महामारी को देखते हुए शासन प्रशासन द्वारा गोगा वीर समिति के सदस्यों के साथ पहले मीटिंग करके गोगा वीर सवारी का चल समारोह ना निकालने पर सहमति भी पहले से बना ली गई थी। आज इस महामारी को देखते हुए गोगा वीर की सवारी सिद्ध स्थान करका मोहल्ला पर ही फरियादियों की फरियाद सुनी। दो तीन लोगों ने ही पहुंचने वाले सिद्ध स्थान भैसासुर मढि़या पर पूजा सामग्री ले जाकर पूजा अर्चना सम्पन्न की। जिसमें सोशल डिस्टेंस का पालन किया गया।
पुलिस प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद
पिछले अनुभव को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने भी अपनी सुरक्षा व्यवस्था में कोई कमी नहीं रहने दी। नगर निरीक्षक उपेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि हमने सुरक्षा की दृष्टि से लगभग दस पांइट बनाये थे। जहां पुलिस की ड्यूटी लगाई गई थी। जिले के थानों से पुलिस फोर्स बुलाया गया था, जिले के चार थाना प्रभारियों की भी यहां ड्यूटी लगाई गई थी। पर यह आयोजन सांकेतिक रूप से शांति से संपन्न हो गया। शासन की गाइडलाइंस का पालन करते हुए सिर्फ एक ही सवारी जिसे मोटरसाइकिल पर सवार होकर सिद्ध स्थान भैसासुर पर जाकर पूजा अर्चना संपन्न की।