भोपाल। 11 दिसंबर 2018 को देर शाम कॉर्पोरेट प्रबंधन ने एक परिपत्र जारी कर कहा कि वेज रिविजन हेतु संयुक्त समिति की “21.12. 2018 को होने वाली बैठक किसी कारणवश अगले तिथि तक रद्द किया जाता है”। जिसके बाद भेल भोपाल में कर्मचारियों की बीच काफी रोष फैलने लगा। दिनांक 12.12.2018 को बीएमएस यूनियन के पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं सैकड़ो कर्मचारियों ने प्रेरणा भवन
पहुँचकर कॉर्पोरेट प्रबंधन द्वारा जारी परिपत्र के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया।
कर्मचारियों ने प्रबंधन से पूछा कि हमारे वेज रिविजन के लिए 21.12.2018 के जेसीएम को क्यों रद्द किया गया जबकि प्रबंधन अपने अधिकारीयों के पे रिवाइज करके बढे हुए वेतन का लाभ पिछले तीन महीनो से ले रहे है ये कहाँ का न्याय है कि काम बताने वाला अधिकारियो को बढे हुए वेतन से लाभान्वित किया जा रहा है और काम करने वाले कर्मचारियों के वेज वार्ता का डेट निरस्त कर टाला जा रहा है।
जबकि वेज रिविजन 1.1.2017 से लंबित है और भारतीय मजदूर संघ 27 दिसम्बर 2016 को चार्टर ऑफ़ डिमांड सौपा है और तब से 71 चरण का आंदोलन कर चुका है। प्रबंधन की ओर से अपर महाप्रबंधक एच आर विनय कुमार ने कहा कि जेसिएम के किसी प्रमुख लोग के व्यस्तता के कारण 21 दिसम्बर 18 के जेसिएम को रद्द किया गया है। बीएमएस पदाधिकारियों ने कहा कि अगर किसी केंद्रीय नेता के पास वेतन समझौता के लिए समय नहीं है तो उनकी अनुपस्थिति में जेसीएम की बैठक किया जाए।
भेल के 20 हजार कार्मचारियों का वेज रिविज़न किसी एक केंद्रीय नेता अथवा अधिकारी के कारण रद्द नहीं किया जाना चाहिए, साथ ही जल्द से जल्द वेतन वार्ता का शेउडुल एक साथ तीन से चार दिनों की बैठक की तिथि घोषित किया जाए ताकि भेल कर्मचारियों का वेतन समझौता का निर्णय अंतिम रूप से किया जा सके।
एनटीपीसी में भी इंटक के नेता ने समय नही दिया तो उनकी अनुपस्थिति में ही वेज वार्ता सम्पन्न हुई है। भोपाल प्रबंधन ने कर्मचारियों के सारे मांगो एवं भावनाओं से कॉर्पोरेट प्रबंधन को अवगत कराने की बात कही और सीघ्र वेतन वार्ता हेतु जेसिएम की तिथि तय करके सूचित करने की बात कही। विनय कुमार ने कार्पोरेट प्रबंधन से बात कर कहा कि 11- 12 जनवरी 2019 को जेसिएम हेतु कार्पोरेट एच आर तैयारी कर रही है।
ज्ञात हो कि भारतीय मजदूर संघ द्वारा कर्मचारियों के 8वें वेज रिविजन, अनुकंपा नियुक्ति एवं ग्रिभान्स हेतु अगस्त क्रांति का विशाल आंदोलन खड़ा किया जिसके कारण वेज वार्ता प्रारम्भ हुई थी। परंतु नं. 1 यूनियन के सेंट्रल लीडर के उदासीनता एवं प्रबंधन के मजदूर विरोधी मानसिकता के कारण
पिछले बैठकों में कोई सकारात्मक निर्णय नही हो सका।