Saturday , July 27 2024
ताज़ा खबर
होम / मध्य प्रदेश / मध्यप्रदेश में विकास के नए मॉडल से मजबूत करेंगे अर्थव्यवस्था

मध्यप्रदेश में विकास के नए मॉडल से मजबूत करेंगे अर्थव्यवस्था

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधियों से की चर्चा

आम सभा, भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना से पैदा संकट के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़े दुष्प्रभाव कम करने के लिए विकास के नए मॉडल को अपनाकर कार्य किया जाएगा। यह मॉडल स्वदेशी आधारित स्वावलंबन की राह दिखाने वाला मॉडल होगा। इससे लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में सहयोग मिलेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आर्थिक क्षेत्र में सुधार के लिए जो पैकेज घोषित किए हैं, उनका लाभ लेते हुए मध्यप्रदेश फिर से विकास की राह पर तीव्र गति से आगे बढ़ेगा। सभी व्यवस्थाएं फिर पुख्ता होंगी। जीवन और कार्य की शैली में जरुर कुछ बदलाव करना होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लॉक डाउन-4 के संबंध में भी प्रतिनिधियों से चर्चा की। चर्चा के दौरान विनय सहस्त्रबुद्धे ने समन्वय किया। वीरेन्द्र सचदेव ने आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना एक चुनौती भी है और अवसर भी। वैश्विक नेता प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह लॉक डाउन घोषित करने से लेकर कोरोना के नियंत्रण के लिए कार्य कर दिखाया है उससे उनकी दक्षता, प्रामाणिकता और संकल्प की जानकारी मिलती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने राज्यों के साथ समन्वय स्थापित कर संघीय ढांचे का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्रियों से परामर्श किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मध्य प्रदेश दीर्घकालिक योजना तैयार कर कोरोना वायरस से उत्पन्न दुष्प्रभावों को कम करने का प्रयास करेगा। एक दीर्घकालिक नीति के निर्माण और लोकल को वोकल बनाने के लिए भी मध्यप्रदेश एक ड्राफ्ट तैयार कर रहा है।

बदहाल स्थिति से निकालकर संभाला राज्य को

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि जब उन्होंने 23 मार्च 2020 को रात्रि 9 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। रात्रि दस बजे वल्लभ भवन जाकर राज्य में कोरोना नियंत्रण के संबंध में स्थिति जानी। स्थिति काफी बदहाल थी। स्थिति को संभालने में थोड़ा सा वक्त लगा लेकिन सफलता मिली। डेडीकेटेड अस्पतालों की व्यवस्था की गई। उस वक्त राज्य में सिर्फ एक टेस्टिंग लैब थी। आज 15 टेस्टिंग लैब के साथ प्रतिदिन 6 हजार टेस्ट की क्षमता विकसित हो रही है। रोगियों के लिए बेड संख्या 83 हजार है जो शीघ्र ही 1 लाख हो जाएगी। प्रवासी श्रमिकों के वजह से भी पॉजिटिव प्रकरण बढ़े हैं लेकिन उपचार और नियंत्रण के प्रयास निरंतर जारी हैं। इसके अलावा सावधानी बरतने का संदेश देने,जागरूकता वृद्धि के कार्य भी लगातार हो रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में आईआईटीटी अर्थात आईडेन्टीफिकेशन, आईसोलेशन, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की नीति अपनाकर कोरोना के नियंत्रण का कार्य सफलतापूर्वक हुआ है।

मध्यप्रदेश में किए गए आर्थिक सुधार

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में मंडी अधिनियम में बदलाव और श्रम कानूनों में परिवर्तन से निवेश को बढ़ाने के ठोस प्रयास हुए हैं। नए वित्तीय संसाधन जुटाएंगे।मंथन चल रहा है निरंतर। अधोसंरचना मजबूत करने नए उपाय लागू करेंगे जिससे अर्थव्यवस्था का पहिया चलेगा।भारत सरकार से आवश्यक सहयोग मांग रहे हैं। लघु और कुटीर उद्योगों का जाल बिछाएंगे।अभी राज्य के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में गतिविधियां चलने लगी हैं।

कृषि क्षेत्र में व्यवस्थाएं मजबूत की हैं।जहां किसान कृषि उपज मंडी जाकर किसान लंबी-लंबी लाइनों में लगते थे। अब किसानों को सौदा पत्रक व्यवस्था के माध्यम से भी फसल बेचने की व्यवस्था सुविधा उपलब्ध हो रही है।ई ट्रेडिंग की सुविधा भी दी जा रही है। वेयर हाउस को क्रय केंद्र घोषित करने और खरीदी केन्द्र बढ़ाने की व्यवस्थाओं की किसानों ने सराहना की है। श्रम कानूनों में ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था की गई। जहाँ पहले 63 रजिस्टर थे, अब उनके स्थान पर एक ही रजिस्टर की व्यवस्था की गई है। लेबर इंस्पेक्टर के निरीक्षण को समाप्त करने, श्रमिकों को आठ घंटे की जगह 12 घंटे कार्य की सुविधा देकर दोगुना मेहनताना देने और अन्य प्रावधानों से श्रमिक को लाभान्वित करने का कार्य मध्य प्रदेश में किया गया। आर्थिक गतिविधियां आवश्यक हैं।

राज्य में 84 लाख मैट्रिक टन गेहूँ की खरीदी की जा चुकी है। मनरेगा से लगभग 19 लाख श्रमिक रोजगार हासिल कर चुके हैं। तेंदूपत्ता तुड़ाई कार्य भी चल रहा है। जहाँ तक पैकेज प्रश्न है राज्य में संबल और अन्य योजनाओं से 13 हजार 600 करोड़ रुपये की राशि हितग्राहियों के खातों में जमा की जा चुकी है। प्रवासी श्रमिकों सहित राज्य के निर्माण श्रमिकों के खातों में क्रमश 1-1 और दो-दो हजार रुपये जमा कराये गए। सभी के लिए राशन की व्यवस्था की गई। एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाते हुए गारमेंट उद्योग को गतिशील बनाकर श्रमिकों को जोड़ा जाएगा। भारतीय मजदूर सहित अन्य संगठनों ने सरकार के निर्णयों पर सहमति व्यक्त की है। विपक्ष से भी सहयोग लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्रियों से भी उन्होंने चर्चा की है।

प्रवासी श्रमिकों को सुविधा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों को भोजन उपलब्ध करवाने और अन्य राज्यों तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था करने के प्रयासों की भी जानकारी दी। श्रमिकों को पैदल न जाने को कहा गया है। श्रमिकों की स्क्रीनिंग भी की गई है। आवश्यकतानुसार श्रमिकों को जूते-चप्पल उपलब्ध करवाने की भी व्यवस्था की गई। इस कार्य में स्वैच्छिक संगठनों का सहयोग भी लिया गया। करीब 3 लाख 84 हजार श्रमिक आ चुके हैं। श्रमिकों को राहत का कार्य निरंतर चल रहा है।

लॉक डाउन व्यवस्था

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में आगामी लॉक डाउन के संबंध में सैद्धांतिक तौर पर ग्रीन जोन में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ गतिविधियों के सामान्य संचालन, ऑरेंज जोन में कन्टेनमेंट क्षेत्र छोड़कर शेष क्षेत्रों में सीमित गतिविधियों के संचालन और रेड जोन में सख्ती के साथ आर्थिक गतिविधियों के संचालन की अनुमति होगी। इस संबंध में आमजन से भी सहयोग का अनुरोध किया गया है। आगामी त्यौहारों पर भी यह अनुरोध पुन: किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)