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डॉ राजेश त्रिपाठी को लाइफ टाइम अचीवमेंट “अटल गौरव” से सम्मानित किया गया

आम सभा, भोपाल : व्ही एन एस कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड मैनेजमेंट स्टडीज़ , महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजेश त्रिपाठी को रविवार को राजधानी भोपाल में शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए अटल गौरव रत्न पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार अटल भारत खेल एवं सांस्कृतिक संगठन भारत के अंतर्गत लाइफ टाइम अचीवमेंट वर्ग में दिया गया।

यह पुरस्कार प्राप्त करने पर अखिल भारतीय शारीरिक शिक्षा ,परिषद के अध्यक्ष (AICPE), डॉ राजेश त्रिपाठी ने कहा की “मुझे इस मूल्यवान पुरस्कार से सम्मानित किया है, यह मेरे जीवन में प्रेरणा के रूप में है जो कि अधिक से अधिक शिक्षा, खेल और शोध के लिए प्रेरित करता है। मैं 1977 खेल के क्षेत्र में हूं तथा वर्तमान में खेल से आने वाली चोटों वाले खिलाड़ियों का, योग तथा एक्सरसाइज़ (काइरोप्रेक्टर) के माध्यम से पुनर्वास एवं शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षण कार्य करवा रहा हूं एवं लगभग 20 विद्यार्थियों की पीएचडी मेरे निर्देशन में पूर्ण हो चुकी है।”

विशेष रुप से डॉ- राजेश त्रिपाठी का यह चौथा पुरस्कार है, इसके अतिरिक्त 2016 में डॉ भीमराव अंबेडकर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी प्राप्त किया है ,2011 में राष्ट्रीय खेल समय पुरस्कार , विशेष पुरस्कार शिक्षा व शोध में नागरिक सहकारी बैंक की ओर से दिया गया ।

डॉ राजेश त्रिपाठी बहु प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के साथ-साथ अखिल भारतीय शारीरिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष स्पोर्टस फिजिकल एजुकेशन फिटनेस एंड लेज़र्स स्कील काउंसिल (SPEFL-SC) के गवर्निंग काउंसिल, नई दिल्ली के सदस्य, द्रोणाचार्य पुरस्कार समिति 2013 के सदस्य , फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज़ (FICCI) इंडिया खेल पुरस्कार समिति 2014 सदस्य है। आप बास्केटबॉल के राष्ट्रीय रेफरी भी रह चुके हैं तथा राष्ट्रीय तथा अपने राज्य स्तर के विभिन्न टूर्नामेंट में भी भाग लिया है।

शारीरिक शिक्षा और खेल में विशेषज्ञ और विद्वान होने के नाते पिछले 30 वर्षों से अधिक समय से डॉक्टर राजेश त्रिपाठी एक काइरोप्रेक्टर के रूप में कार्य कर रहे हैं । न्यूरोमस्कुलर विकारों के निदान और उपचार पर मैनुअल एडजस्टमेंट व स्पाइन मैनिपुलेशन के माध्यम से जोर दिया जाता है।

उनका मानना है कि यह निवारण के लिए सरल तथा महत्वपूर्ण है। खेल तथा अन्य चोटों में बिना कठिनाई एवं बिना महंगी सर्जरी के भी ट्रीटमेंट हो सकता है। यह प्राचीन कठिन अभ्यास है। मैं सर्वाइकल स्पॉन्डलोसिस, लो बेक प्रॉब्लम , एंकल की चोटों, घुटनों के लिगामेंट की चोटों , टेनिस एल्बो, फ्रोजन शोल्डर, साइटिका व सभी खेल की चोटों, घुटनों की चोटों से ठीक हो गया हूं।

डॉ राजेश त्रिपाठी ने शारीरिक शिक्षा पर 11 पुस्तकें प्रकाशित की हैं , लगभग 48 शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जर्नलस में प्रस्तुत किए गए हैं। उन्होंने 50 से अधिक शोध विभिन्न खेल विषयों पर किए हैं।

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