नई दिल्ली ।
गंभीर नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज को बचाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। जेट को कर्ज देने वाले बैंकों के समूह की अगुवाई कर रहे भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि वह जेट एयरवेज को बंद नहीं होने देंगे और इसे चालू रखने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी।
उन्होंने कहा कि दीवालिया घोषित करना ”अंतिम विकल्प” है, और इससे बचने के लिए कर्जदाताओं का समूह हर संभव कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘हम मानते हैं कि यह सभी के हित में है कि जेट एयरवेज उड़ती रहे।’ उन्होंने कहा कि अबू धाबी की साझेदार कंपनी एतिहाद से इस दिशा में बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी को दीवालिया घोषित करने का मतलब इसे बंद करना होगा।
एसबीआई चेयरमैन का यह बयान बैंकों की तरफ से जेट एयरवेज को मदद देने की खबरों के बीच आया है। खबरों के मुताबिक बैंक जेट एयरवेज को मदद देने पर विचार कर सकते हैं लेकिन इसके लिए कंपनी के प्रोमोटर नरेश गोयल और सबसे बड़ी शेयरहोल्डर एतिहाद एयरवेज को अपनी हिस्सेदारी गिरवी रखनी पड़ सकती है।
गौरतलब है कि जेट एयरवेज किसी अन्य रास्ते से फंडिंग जुटाने में विफल रही है, जिसके बाद उसके पास सीमित विकल्प ही बचते हैं।
नकदी संकट की वजह से जेट कर्ज चुकाने में नाकाम रही है। इसके साथ ही वह पायलटों और अन्य वेंडर्स का बकाया नहीं चुका पाई है, जिसकी वजह से उसे अपने 40 से अधिक विमानों को ऑपरेशन से हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
जेट एयरवेज में कंपनी के फाउंडर नरेश गोयल और उनके परिवार की करीब 52 फीसद हिस्सेदारी है, जबकि रणनीतिक साझेदार और अबू धाबी की कंपनी एतिहाद की 24 फीसदी हिस्सेदारी है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में बैंकों का समूह जेट एयरवेज के लिए समाधान योजना पर काम कर रहा है। जेट पर करीब 8,200 करोड़ रुपये का कर्ज है। कंपनी को संकट के उबारने के लिए गोयल अपनी हिस्सेदारी को कम कर 22 फीसद करने के लिए तैयार हैं।
14 फरवरी को जेट एयरवेज का बोर्ड बैंकों की तरफ से पेश किए गए समाधान योजना को मंजूरी दे चुका है। बुधवार को जेट का शेयर 4.82 फीसद की गिरावट के साथ 218 रुपये पर बंद हुआ।