नई दिल्ली :
भारतीय जनता पार्टी की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का विवादों ने संसद में भी पीछा नहीं छोड़ा. पहली बार संसद पहुंची प्रज्ञा ठाकुर जब लोकसभा की सदस्यता की शपथ ले रही थीं तो वहां भी विवाद हो गया. शपथ लेने के दौरान उन्होंने जब अपना नाम पढ़ा तो उसे लेकर कई विपक्षी सदस्यों ने आपत्ति व्यक्त की. विपक्षी सदस्यों की तीखी आपत्ति के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने आश्वासन दिया कि साध्वी प्रज्ञा का जो नाम निर्वाचन प्रमाणपत्र में लिखा होगा वही सदन के रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा. 17वीं लोकसभा के प्रथम सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित सदस्यों को सदन की सदस्यता की शपथ राज्यवार दिलवाई गई. जब मध्य प्रदेश के सदस्यों का नंबर आया तो भोपाल से निर्वाचित होकर आई साध्वी प्रज्ञा का नाम पुकारा गया.
इस बीच कुछ देर तक लोकसभा के अधिकारी और कर्मचारी रिकॉर्ड में साध्वी प्रज्ञा का रिकॉर्ड में उल्लेखित नाम खोजते रहे. इसके बाद जब अध्यक्ष के हस्तक्षेप से हंगामा थमा तो ठाकुर ने शपथ-पत्र का नाम के बाद का हिस्सा ही पढ़ा. इस पर भी कांग्रेस के सदस्यों ने देर तक आपत्ति जताई. हालांकि कार्यवाहक अध्यक्ष कुमार ने आश्वासन दिया कि साध्वी प्रज्ञा का जो नाम निर्वाचन प्रमाणपत्र में लिखा होगा वही सदन के रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा.
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने लेाकसभा चुनाव में भोपाल से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को हराया है. वह महात्मा गांधी के हत्या के दोषी नाथूराम गोडसे और महाराष्ट्र एटीएस के पूर्व प्रमुख और मुंबई आतंकवादी हमले दौरान शहीद होने वाले हेमंत करकरे के बारे में चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए उनके बयानों को लेकर विवादों में रहीं. उनके शपथ लेने के बाद कुछ सदस्य शपथ के अंत में भारत माता की जय बोल रहे थे. इस पर आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने आपत्ति जताते हुए कहा कि शपथ-पत्र का एक प्रारूप और प्रक्रिया होती है, उसी अनुसार शपथ ली जानी चाहिए. इस पर पीठासीन वीरेंद्र कुमार ने कहा, ‘सदस्यों से अनुरोध है कि वे शपथ-पत्र का ही वाचन करें.’
उनकी इस व्यवस्था का यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने मेज थपथपाकर स्वागत किया.
आसन से आई व्यवस्था के बाद भले ही शपथ लेने वाले सत्ता पक्ष के संबंधित सदस्य ने यह नारा लगाना बंद कर दिया, लेकिन सत्ता पक्ष के अन्य सदस्य अपने पक्ष के सदस्य के शपथ लेने के बाद ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाने लगे.