अहमदाबाद
12 जून को अहमदाबाद से लंदन रवाना हुआ एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान, टेकऑफ के कुछ ही पलों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है, लेकिन विवाद का केंद्र अब तकनीकी खराबी या मानवीय भूल नहीं, बल्कि अमेरिकी मीडिया की भूमिका बनता जा रहा है।
क्या बोइंग को बचाने भारतीय पायलट को फंसाया जा रहा है?
अमेरिका के प्रमुख अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने एएआईबी (एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) की शुरुआती रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि क्रैश से पहले फ्यूल कंट्रोल स्विच को फ्लाइट के कप्तान ने खुद बंद किया था। लेकिन भारत की रिपोर्ट में ऐसी कोई बात दर्ज नहीं है। यह दावा भारतीय एविएशन एक्सपर्ट्स, पायलट संगठनों और रिपोर्टिंग एजेंसियों के लिए चौंकाने वाला है। भारत की AAIB रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि स्विच को बंद किसने किया या कैसे हुआ, लेकिन अमेरिकी मीडिया इस दिशा में उंगली उठाकर बोइंग की छवि को बचाने का प्रयास करता दिख रहा है।
उस दिन क्या हुआ था?
एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर AI171, 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुआ था। टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद, विमान की स्पीड और थ्रस्ट अचानक गिरने लगी। कॉकपिट में सीनियर कैप्टन सुमीत सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर मौजूद थे। सभरवाल ने कुंदर से पूछा – “फ्यूल स्विच कटऑफ में क्यों है?” जवाब मिला – “मैंने नहीं किया।” इसी से यह सवाल खड़ा हुआ कि क्या तकनीकी खामी की वजह से स्विच ऑफ हो गया?
क्या कहती है प्रारंभिक जांच?
दोनों इंजनों को फ्यूल सप्लाई मिलनी बंद हो गई, जिससे विमान को पावर नहीं मिली और वह तेजी से नीचे गिरा। हादसे के बाद जब मलबा जांचा गया, तो दोनों फ्यूल स्विच कट पोजिशन में थे। इससे ऐसा लगता है कि शायद इंजनों को रीस्टार्ट करने की कोशिश की गई थी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। प्लेन के टेकऑफ के तुरंत बाद रैम एयर टरबाइन (RAM) बाहर निकल आया था, जो दिखाता है कि विमान की मुख्य पावर पूरी तरह से फेल हो चुकी थी।
अमेरिकी मीडिया का पक्षपात?
भारतीय एविएशन विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में बोइंग कंपनी की पहले से ही साख पर सवाल खड़े हो चुके हैं – खासकर 737 MAX हादसों के बाद। अब 787 ड्रीमलाइनर की ये घटना बोइंग के लिए और भी बड़ा झटका बन सकती थी, इसलिए जिम्मेदारी से बचने के लिए पायलटों को जिम्मेदार ठहराने की रणनीति अपनाई जा रही है।
पायलट संघ ने जताई कड़ी नाराजगी
भारत के फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने इस पर कड़ा बयान जारी करते हुए कहा: “बिना जांच पूरी हुए, किसी पायलट पर दोष मढ़ना बेहद गैर-जिम्मेदाराना है। इससे न केवल पायलट की छवि को नुकसान होता है, बल्कि उनके परिवारों को भी मानसिक आघात पहुंचता है।” FIP ने मांग की है कि जांच पूरी होने तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जाए और मीडिया को संयम बरतना चाहिए।