Monday , June 9 2025
ताज़ा खबर
होम / देश / बंगाल में ‘लहूलुहान’ लोकतंत्र, 713 कंपनियां, 71 हजार जवानों की तैनाती के बावजूद हिंसा पर काबू नहीं

बंगाल में ‘लहूलुहान’ लोकतंत्र, 713 कंपनियां, 71 हजार जवानों की तैनाती के बावजूद हिंसा पर काबू नहीं

नई दिल्‍ली। 

पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान केंद्रीय बलों की 713 कंपनियां और कुल 71 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के बावजूद हिंसा की घटनाएं थम नहीं रही हैं। राज्‍य में हर चरण के साथ राजनीतिक हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। कल मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान जिस प्रकार की हिंसा देखी गई उसने लोकतंत्र को शर्मशार कर दिया है। पश्चिम बंगाल में एक ओर मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी हर कीमत पर सत्‍ता पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहती हैं तो वहीं भाजपा हर हाल में एंटी इनकम्बेंसी सी को अपने पक्ष में भुना लेना चाहती है। नतीजतन राज्‍य में सियासी टकराव अब अपने चरम पर पहुंच गया है।

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा नई बात नहीं
पश्चिम बंगाल के लिए राजनीतिक हिंसा की घटनाएं कोई नई बात नहीं है। राज्‍य में राजनीतिक हिंसा का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसकी शुरुआत नक्सलवाड़ी आंदोलन को कुचलने से मानी जाती है। तत्‍कालीन कांग्रेस के मुख्‍यमंत्री सिद्धार्थ शंकर रे ने काफी क्रूरता के साथ इस आंदोलन का दमन किया था। इस हिंसा में कई हजार लोग मारे गए थे। इसके बाद राज्‍य की सत्‍ता पर आने वाले दलों ने भी अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ कांग्रेस का ही रास्‍ता अपनाया। कांग्रेस के बाद वाममोर्चा सरकार आई तो उसने प्रतिशोध में काम किया, जिसकी वजह से राज्‍य में राजनीतिक हिंसा का लंबा दौर चला। इसमें करीब 60 हजार लोग मारे गए थे। तृणमूल कांग्रेस सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 1977 से 2007 तक के कार्यकाल में 28,000 राजनीतिक कत्ल हुए। राजनीतिक विश्‍लेषकों का मानना है कि कांग्रेस, वाममोर्चा के बाद अब तृणमूल कांग्रेस भी उसी रास्‍ते पर चलने की कोशिश कर रही है।

राजनीतिक मर्यादाएं हो रहीं तार-तार 
राजनीतिक विश्‍लेषकों की मानें तो पहले हुआ उसके आधार पर मौजूदा हिंसा की घटनाओं को सही नहीं ठहराया जा सकता। कोलकाता में अमित शाह (Amit Shah) के रोड शो के दौरान भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (TMC) समर्थकों के बीच हिंसक झड़पों के बाद आरोप-प्रत्‍यारोपों को जो दौर चला उसने राजनीतिक मर्यादाओं को तार-तार करने का काम किया।अमित शाह ने कहा कि टीएमसी के गुंडों ने मुझपर हमला करने की कोशिश की। उधर, ममता बनर्जी ने इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में अभद्र भाषा का इस्‍तेमाल करते हुए शाह को ‘गुंडा’ बता दिया। उन्होंने कहा कि यदि आप विद्यासागर तक हाथ ले जाते हैं तो मैं आपको गुंडे के अलावा क्या कहूंगी। इससे पहले ममता ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ भी विवादस्‍पद बयान दिया था। उन्‍होंने पुरुलिया में रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि मैं उन्‍हें (मोदी को) लोकतंत्र का एक करारा तमाचा मारना चाहती हूं।

अंतिम चरण में बनर्जी की प्रतिष्ठा दांव पर 
अंतिम चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है, उसमें डायमंड हार्बर, जयनगर, मथुरापुर, जादवपुर, कोलकाता दक्षिण, कोलकाता उत्तर, दमदम, बारासात और बशीरहाट शामिल हैं। इस चरण की सबसे महत्वपूर्ण सीट जाधवपुर और साउथ कोलकाता है। यह ममता बनर्जी का गृहक्षेत्र है और यहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।वर्ष 1984 में युवा नेता ममता बनर्जी ने उस समय माकपा के दिग्गज नेता रहे सोमनाथ चटर्जी को हराया था। इसी जीत के बाद वह पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आईं। इसके बाद उन्होंने खुद को साउथ कोलकाता शिफ्ट कर लिया। ममता साउथ कोलकाता से छह बार सांसद रहीं। वर्ष 1998 में ममता ने साउथ कोलकाता से तृणमूल कांग्रेस की शुरुआत की थी। वर्ष 2014 में मोदी लहर में उसका वोट शेयर कम हो गया था। अब अंतिम चरण में इन्‍हीं सीटों पर चुनाव है, जिसके लिए भाजपा और टीएमसी दोनों ने पूरी ताकत लगा दी है।

हर चरण के साथ बढ़ी राजनीतिक हिंसा की घटनाएं 
राज्‍य में पहले चरण से लेकर अब तक के मतदान के दौरान राजनीति हिंसा की घटनाएं बढटती गई हैं। निर्वाचन आयोग ने चौथे चरण से शत-प्रतिशत केंद्रीय बलों की तैनाती का फैसला लिया जो पांचवें चरण में लागू हो सका। अब पूरा चुनाव केंद्रीय बलों की निगरानी में हो रहा है। चुनाव के दौरान केंद्रीय बलों की 713 कंपनियां और  कुल 71 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है बावजूद हिंसा की घटनाएं थम नहीं रही हैं। आज तक लोकसभा चुनाव में किसी भी राज्य में केंद्रीय बलों की शत-प्रतिशत तैनाती नहीं की गई थी। छठे चरण में आठ सीटों पर मतदान के दौरान घाटल से भाजपा प्रत्‍याशी भारती घोष पर हमला किया गया था। एक अन्‍य घटना में इसी चरण की वोटिंग के दौरान प्रदेश भाजपा अध्‍यक्ष दिलीप घोष पर भी हमले की कोशिश की गई थी। अब मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान पथराव, आगजनी, लाठीचार्ज की घटनाओं ने प्रशासनिक बंदोबस्‍त पर सवालिया निशान लगा दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)

Slot Gacor Malam Ini Slot Gacor 2025 slot gacor slot dana https://pariwisata.sultraprov.go.id/ Slot777 slot thailand slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor info kabar slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor https://edu.pubmedia.id/ https://stikesrshusada.ac.id/ https://ijsl.pubmedia.id/ Situs Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor info kabar Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://dakukeren.balangankab.go.id/ slot gacor slot gacor https://elearning.unka.ac.id/ https://jurnal.unka.ac.id/bo/ https://jurnal.unka.ac.id/rep/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot mahjong slot gacor pohon169 pohon169 slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://jurnal.unka.ac.id/ https://unisbajambi.ac.id/ https://sia.unisbajambi.ac.id/ https://sipp.pn-garut.go.id/ https://fatecjahu.edu.br/ https://poltekkesbengkulu.ac.id/ https://journal.unublitar.ac.id/ https://poltekkes-pontianak.ac.id/ https://conference.upgris.ac.id/ https://kabar.tulungagung.go.id/wop/ Slot Gacor 2025 Slot Gacor Hari Ini slot gacor slot gacor slot gacor
  • toto hk
  • togel hongkong
  • toto hk
  • pg77
  • situs pg77
  • pg77 login