लोकसभा चुनाव से पहले करीब दो महीने तक दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन होने की चर्चा हुई. नॉमिनेशन से पहले तक दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर गठबंधन ना होने का ठिकरा फोड़ रही थीं. वहीं दिल्ली में 56.6 फीसदी के साथ बीजेपी सभी सात सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही. कांग्रेस 22.5 फीसदी वोट शेयर के साथ दूसरे और आम आदमी पार्टी 18.1 फीसदी वोट से साथ तीसरे नंबर पर रही. बीएसपी और अन्य के खाते में एक-एक फीसदी वोट आया.
अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के वोट शेयर को मिला भी दिया जाए तो वह 40.6 फीसदी होता है. बीजेपी के पास दोनों पार्टियों के मुकाबले 16 फीसदी ज्यादा वोट हैं. इस तरह से देखा जाए तो साथ आने पर भी दोनों पार्टियों के बीजेपी को रोकना बेहद मुश्किल होता.
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- दिल्ली की चांदनी चौक सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार को 5 लाख से ज्यादा वोट मिले हैं. इस सीट पर कांग्रेस और आप के उम्मीदवार के वोट को मिला भी दिया जाए तो भी बीजेपी का उम्मीदवार 80 हजार से ज्यादा वोट से जीत दर्ज कर रहा है.
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- ईस्ट दिल्ली सीट पर आप और कांग्रेस दोनों को मिलाकर 5 लाख 23 हजार वोट मिले हैं. वहीं बीजेपी के उम्मीदवार को 6.95 लाख वोट मिले हैं. इस सीट पर भी बीजेपी आसानी से जीत दर्ज करने में कामयाब हो जाती.
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- नई दिल्ली सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार को 5 लाख वोट मिले हैं. इस सीट पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को करीब 4 लाख वोट मिले हैं.
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- नॉर्थ ईस्ट सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार को 7.85 लाख वोट मिले हैं. यहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों को मिलाकर करीब 6 लाख 10 हजार वोट मिले हैं.
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- नॉर्थ वेस्ट दिल्ली में भी मामला कुछ अलग नहीं है. इस सीट पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को दोनों को मिलाकर करीब 5.4 लाख वोट मिले हैं, जबकि बीजेपी का उम्मीदवार 8.4 लाख वोट पाकर जीत दर्ज करने में कामयाब हुआ है.
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- साउथ दिल्ली में बीजेपी के उम्मीदवार को 6.8 लाख वोट मिले हैं. इस सीट पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के वोटों को जोड़ दिया जाए तो वह 4.7 लाख तक ही पहुंचते हैं.
- वेस्ट दिल्ली की सीट पर भी बीजेपी का उम्मीदवार 8.6 लाख वोट पाने में कामयाब हुआ है. इस सीट पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के वोट 5.3 लाख ही होते हैं.