नई दिल्ली
दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल (जीटीबी अस्पताल) में मरीजों के इलाज में आरक्षण के मसले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार को झटका दिया है. कोर्ट ने कहा है कि जीटीबी अस्पताल में इलाज के लिए दिल्ली के निवासियों को 80 फीसदी आरक्षण देना गलत है और साथ ही यह भी कहा है कि पुरानी व्यवस्था बरकार रहेगी यानी कोई आरक्षण का नियम लागू नहीं होगा. आपको बता दें कि 1 अक्टूबर से पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली सरकार ने इस आरक्षण व्यवस्था को अस्पताल में शुरू किया था. अस्पताल में कुल 17 रजिस्ट्रेशन काउंटर हैं जिसमें से 13 दिल्ली के नागरिकों के लिए आरक्षित किए जाने थे और 4 दिल्ली के बाहर के नागरिकों के लिए रखे गए. मुफ्त दवाएं केवल दिल्ली के नागरिकों को दी जाएंगी साथ ही बड़े टेस्ट भी मुफ़्त केवल दिल्ली के नागरिकों के होने थे. हालांकि छोटे और साधारण टेस्ट जैसे कि ब्लड टेस्ट एक्स-रे इत्यादि सभी नागरिकों के लिए मुफ़्त होंगे. आईपीडी में 80 फ़ीसदी बेड दिल्ली वालों के लिए होंगे और 20 फ़ीसदी दिल्ली से बाहर वालों के लिए. हालांकि आपातकालीन सेवाएं सभी नागरिकों के लिए समान और मुफ्त रखी गई थीं.
दिल्ली के मरीजों के लिए आरक्षण का असर : अस्पताल में भीड़ कम, दूसरे में शिफ़्ट!
इससे पहले बीते साल दिसंबर में तहत जीबी पंत अस्पताल में दिल्ली वालों को 50% का आरक्षण दिया गया था. जीबी पंत अस्पताल में 714 बेड हैं जिसमें से 357 बेड दिल्ली वालों के लिए आरक्षित किए गए. अब देखने वाली बात यह होगी क्या इस फैसले का असर जीबी पंत में शुरू की गई आरक्षण व्यवस्था पर भी पड़ता है.