नागरिकता संशोधन विधेयक पर लोकसभा में नीतीश कुमार की जदयू ने अपना समर्थन दिया है। जनता दल (यू) द्वारा लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किये जाने से पार्टी के दो दिग्गज नेता निराश हैं। नागरिकता संशोधन विधेयक को जदयू द्वारा समर्थन दिए जाने पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के बाद अब पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा ने भी नाराशा जाहिर की है। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा ने पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से समर्थन के फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की है।
पवन कुमार वर्मा ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘ मैं नीतीश कुमार से राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर समर्थन करने पर दोबारा विचार करने की अपील करता हूं। यह बिल असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण और देश की एकता के खिलाफ है। साथ ही ये बिल जदयू के मूल विचारों के भी खिलाफ हैं, गांधी जी इसका पूरी तरह से विरोध करते’।
बता दें कि लोकसभा में जदयू के 16 और राज्यसभा में 6 सांसद हैं। वर्मा का यह बयान प्रशांत किशोर के नाराशा जाहिर करने के बाद आई है। जदयू के दो बड़े नेताओं की ओर से आए ये बयान पार्टी के भीतर रार की ओर इशारा करते हैं।
नागरिकता संशोधन विधेयक को जदयू के समर्थन से प्रशांत किशोर निराश
वहीं, प्रशांत किशोर ने कहा कि, “जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने से निराश हुआ। यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है। पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है।”
विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए लोकसभा में जदयू के नेता राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह ने कहा कि जदयू विधेयक का समर्थन इसलिए कर रही है क्योंकि यह धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है।