कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नामांकन पत्र को लेकर दाखिल की गई आपत्तियां खारिज कर दी गई हैं। मामले पर आज सुबह 10:30 बजे से अमेठी कलक्ट्रेट स्थित डीएम कोर्ट/नामांकन कक्ष में सुनवाई शुरू हुई। जिसमें दोनों की पक्षों के वकील मौजूद थे।
वहीं, सुनवाई के बाद बाहर निकले राहुल गांधी के वकील के सी कौशिक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी भारत में पैदा हुए। उनके पास भारतीय पासपोर्ट है। उन्होंने कभी भी किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं ली। कौशिक ने बताया कि मुझे नहीं पता कि रॉल विंची नाम का शख्स कौन है। उन्हें शैक्षणिक दस्तावेज दे दिए गए हैं। राहुल गांधी ने 1995 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय से एम फिल की डिग्री ली है।
चारों आपत्तिकर्ताओं ने राहुल गांधी की नागरिकता, उनकी एमफिल की डिग्री व उसमें दर्ज नाम में अंतर, एमफिल की डिग्री से पहले की शैक्षिक योग्यता के कॉलम में संस्थान का नाम नहीं डालने, शपथ पत्र में लगे स्टांप को दिल्ली से खरीदने व चल संपत्ति के कॉलम को रिक्त रखने के साथ ही नामांकन पत्र में ब्रिटेन की उनकी कंपनी की प्रॉपर्टी शो नहीं करने का आरोप लगाया था।
आपत्ति दाखिल होने के बाद मौके पर मौजूद राहुल गांधी के अधिवक्ता राहुल कौशिक ने आरओ से आरोपों का खंडन करने के लिए दो दिन का समय मांगा था। अधिवक्ता के अनुरोध पर आरओ ने स्थगन आदेश जारी करते हुए आरोपों के संबंध में अंतिम सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की सुबह 10:30 बजे का समय नियत किया था। सोमवार सुबह राहुल गांधी की ओर से आपत्ति का जवाब दाखिल होने के बाद आरओ अपना ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी आपित्तयों को खारिज कर दिया।