नई दिल्ली : सिलिकॉन वैली स्थित मोटवानी जडेजा फाउंडेशन सर्वश्रेश्ठ बौद्धिक प्रतिभाओं को एक साथ लाने के लिए कोड-19 के नाम से 72 घंटे के ऑनलाइन हैकथॉन का आयोजन कर रहा है ताकि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण भारत के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों का समाधान खोजा जा सके।
यह प्रतियोगिता 10 अप्रैल, 2020 (गुड फ्राइडे) से शुरू होगी और इसमें विभिन्न देशो तथा नस्लों 3,000 से अधिक प्रतिभागियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। भारत में 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान, अपने घरों से आराम से ऑनलाइन काम करते हुए, प्रतिभागी कोविड-19 के समाधान की खोज के लिए मेंटरों, विशय के विषेशज्ञों, डाटा स्रोतों तथा सहयोगियों के एक नेटवर्क के साथ सहयोग करेंगे। ऑनलाइन हैकथॉन किसी भी मानदंड या आयु सीमा के बगैर सभी लोगों और टीमों के लिए खुला है। जो इसमें हिस्सा लेना चाहते हैं वे 10 अप्रैल को षाम 6 बजे तकूूूण्बवकम19ण्पदपर साइन अप कर सकते हैं।
प्रसिद्ध उद्यमी, निवेशक और समाजसेवी तथा मोटवानी जडेजा फाउंडेशन की संस्थापक सुश्री आशा जडेजा मोटवानी ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस भारत के सामने एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती है। किसी भी नए संकट के मुकाबले के लिए विचारों और समाधान की नई रणनीतियों के समूहों की आवश्यकता होती है। इसलिए, कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में इस बात की जरूरत है कि नए विचारों एवं समाधानों को खोजने के लिए हम सब मिलकर दिमाग लगाएं। कोड-19 एक ऐसा मंच है जो ऐसी बौद्धिक प्रतिभाओं को एक साथ लाता है। इसका उद्देश्य यह है कि साझी कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग की शक्ति का उपयोग करके हम ऐसी गुणात्मक परियोजना तैयार करें जिसका स्रोत सार्वजनिक हो और जो कोरोनावायरस के संकट के कारण देष में उत्पन्न भारी चुनौती का समाधान करने में मददगार साबित हो।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘कोड-19 का लक्ष्य शीध्रता से ऐसे समाधान विकसित करना है जो रोजमर्रा की जिंदगी में लागू हो सके। प्रतिभागियों को कोरोनोवायरस प्रकोप तथा भारत पर इसके प्रभाव को डिकोड करने तथा कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों को कम करने के लिए स्मार्ट समाधान इंकोड करने का काम दिया जाएगा। उन समाधानों को वास्तविक रूप देने के लिए 10,000 अमरीकी डालर के मूल्य के पुरस्कार दिए जाएंगे। प्रतिभागियों द्वारा विकसित विचार एवं नवाचार देष में स्केलिंग और कार्यान्वयन के लिए आसानी से उपलब्ध होंगे। ”
परियोजनाओं को आठ विशिष्ट विषयों में विभाजित किया गया है-चिकित्सकीय उपचार और परीक्षण; यात्रा एवं पर्यटन;शमन – अलगाव, सुरक्षा/मास्क, और भारत में सोषल डिस्टेंसिंग;सामाजिक जीवन, कल्याण और जागरूकता;अनुसंधान और विकास; कोविड-19 के लिए सार्वजनिक नवाचार; शिक्षा और जागरूकता; और उद्योग।
प्रतिभागी अवधारणा निर्माण, वायरफ्रेम, डिजाइन, विकसित की जा रही प्रोटोटाइप के विकास और परीक्षण के जरिए समाधानों पर काम करेंगे। मेंटर एवं गाइड उनके उत्पाद विचारों को स्पश्ट बनाने तथा निष्चित तौर पर सफल साबित हो सकने वाले वैसे उत्पादों के रूप में परिवर्तित करने के बारे में प्रतिभागियों की मदद करेंगे जो कोरोनावायरस से भारत को लड़ने में मदद कर सकंे। ओपन इनोवेषन श्रेणी में प्रतिभागी अपने विचारों, प्रौद्योगिकियों और नवीन समाधानों, बायोइंफार्मेटिक्स, डाटासेट, डाइग्नोसिस के लिए एप और इसी तरह की अन्य चीजों के बारे में प्रस्ताव कर सकेंगे जो कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में उपयोगी हो सकेे और जिनका लाभ उठाया जा सके।
कोड-19 के तहत कुछ ऑनलाइन सत्र भी होंगे जिनमें बिजनेस लीडर्स के साथ वार्तालाप के अलावा योगा एवं ध्यान भी षामिल हैं। इसका उद्देष्य प्रतिभागियों को प्रेरित रखना है। विजेताओं के लिए 10,000 अमरीकी डालर मूल्य की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। इस कार्यक्रम के समाप्त होने पर सबसे अच्छी परियोजनाओं का मूल्यांकन करने के लिए सार्वजनिक मतदान होगा। विजेताओं की घोषणा 14 अप्रैल को रात 9 बजे की जाएगी। कोड-19 इंडिया बेंगलूरु स्थित हैकरअर्थ के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।