चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने शुक्रवार एक बार फिर कोर्ट के सामने जल्द सुनवाई के लिए आने वाली याचिकाओं पर कड़ा रुख एख्तियार करते हुए कहा कि मौजूदा परिस्थिति में ऐसा संभव नहीं है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सामने एक हफ्ते के पांच कारोबारी दिन में 880 केस दायर होते हैं.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में आने वाले केसों को कोर्ट की 11 बेंच में बांटा जाता है जिसके चलते प्रत्येक बेंच के सामने कम से कम 40 मामले आते हैं. जस्टिस गोगोई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को 440 मामले और शुक्रवार को 440 मामले सुनवाई के लिए आते हैं. इसके साथ ही बड़ी संख्या में केसों के चलते लगभग 120 मामले कोर्ट में लिस्ट नहीं हो पाते हैं.
बतौर मुख्य न्यायाधीश अपना कार्यभार संभालने के बाद न्यायाधीश गोगोई कह चुके हैं कि सभी मामलों में जल्द सुनवाई की याचिका लाने का कोई औचित्य नहीं है. ऐसा महज उन चुनो हुए मामलों में किया जाना चाहिए जहां किसी की जिंदगी और मौत का सवाल हो यानी किसी को फांसी दी जा रही हो और किसी पक्ष को सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप चाहिए.
हालांकि न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हफ्ते में सभी 1000 केस सुनने के लिए तैयार है लेकिन मौजूदा 11 बेंचों के साथ ऐसा कर पाना संभव नहीं है. लिहाजा जल्द सुनवाई के बढ़ते मामलों के चलते या तो उसे कोई उपर्युक्त सुझाव दिया जाए अथवा सुप्रीम कोर्ट में बेंच की संख्या में इजाफा किया जाए जिससे एक हफ्ते में 1000 मामलों की सुनवाई की जा सके.