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एक जैसे नाम होने से बदल गए बच्चे, खंडवा के अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई

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खंडवा : खंडवा के सरकारी अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां नवजात गहन चिकित्सा इकाई से एक परिजन का बच्चा दूसरे परिजनों को दे दिया और उन्हें कहा कि आपके बच्चे की तबीयत गम्भीर है। जब परिजनों ने बताया कि उनका बच्चा तो स्वस्थ जन्मा था। इसको लेकर हंगामा खड़ा हुआ। इसके बाद प्रबंधन ने एक ही नाम के दो माता-पिता और दोनों के यहां लड़के का जन्म होने से गफ़लत होना माना। बाद में सही परिजनों को उनका स्वस्थ बच्चा दूसरे परिजनों से बुलवा कर उन्हें सौपा गया।

खंडवा के नंदकुमार सिंह चौहान शासकीय मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में बच्चों की अदला बदली के मामले से हड़कंप मच गया। 14 फरवरी को खंडवा के शास्त्रीनगर के मनीषा विजय वर्मा और 14 फरवरी को ही ग्राम सालई के मनीषा विजय चौहान के यहां डिलीवरी हुई। दोनों ने ही लड़कों को जन्म दिया।

बच्चों के वजन और उनकी सेहत के मद्देनजर उन्हें अस्पताल के SNCU में ले जाया गया। जहां से गफलत का दौर शुरू हुआ। SNCU में भर्ती बच्चों को फीडिंग के लिए मां को दिया जाता है। जब यहां से मनीषा विजय की आवाज लगाई गई तो वर्मा की जगह चौहान पहुंच गई। मनीषा वर्मा ने 14 फरवरी को सुबह 11.15 बजे 2.96 किलो वजनी बेटे को जन्म दिया। जबकि मनीषा चौहान ने 14 फरवरी को ही रात 10.30 बजे बेटे को जन्म दिया। जिसका वजन 1.28 किलो था।

इस तरह हुआ खुलासा

17 फरवरी शनिवार शाम करीब 5 बजे मनीषा चौहान को डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके बाद मनीषा वर्मा और परिवार को कहा गया कि उनके बच्चे की मौत हो गई है। जब वजह पूछी तो वजन कम होना बताया।

यहीं से संदेह हुआ और फिर अस्पताल में हंगामे की स्थिति बनी। पुलिस भी मौके पर पहुंची। तब रिकॉर्ड से मिलान किया गया। मनीषा चौहान के घर से बच्चे को बुलाकर मनीषा वर्मा को सौंपा गया। मनीषा वर्मा के पति विजय वर्मा ने कहा कि 14 फरवरी को डिलीवरी के बाद अब बच्चा हमें मिला है, हम खुश हैं। वहीं जिम्मेदार जांच की बात कह रहे हैं।