नई दिल्ली
दिल्ली वालों को यमुना की लहरें डरा रही हैं। बाढ़ से हालात बिगड़ने लगे हैं। अपना घरबार छोड़ चुके लोग बिस्किट पर गुजारा कर रहे हैं। यमुना ने बुधवार को जलस्तर का एक रिकॉर्ड तोड़ दिया। दिल्ली में यमुना दोपहर 1 बजे 207 मीटर के निशान को पार कर गई। 1963 के बाद से यह 5वीं बार है जब यमुना ने 207 मीटर के निशान को पार किया है। केंद्रीय जल आयोग का अनुमान है कि रात 8 बजे तक यमुना का जलस्तर 207.40 मीटर तक पहुंच जाएगा।
यमुना का जलस्तर कब कितना मीटर?
1- 2023 – 208.66 मीटर
2- 1978 – 207.49 मीटर
3- 2013 – 207.32 मीटर
4- 2010 – 207.11 मीटर
दिल्ली में बिगड़ने लगे हालात
दिल्ली के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए सड़कें नदियां और बाजार तालाब बन गए हैं। यमुना नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर से जान और सामान बचाने के लिए लोग सुरक्षित जगहों की ओर भाग रहे हैं। मजनू का टीला में दुकानदारों से लेकर मदनपुर खादर और बदरपुर में रहने वाले परिवार अब अस्थायी शेल्टरों में रह रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि निचले बाढ़ग्रस्त इलाकों से 7,500 से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
याद आया 2023 का मंजर
पुराने रेलवे पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया है। मजनू का टीला में पानी गलियों में घुस गया है। इससे बाजार में सन्नाटा पसरा है। दुकानदार अनूप थापा ने कहा कि यह 2023 के बाद दूसरी बार हुआ है। उन्होंने रात 11 बजे अपनी दुकान खाली कर दी। फिर भी कुछ सामान खराब हो गया है। थापा, पत्नी और तीन साल की बेटी के साथ सड़क किनारे बने एक कैंप में चले गए हैं।
सड़क किनारे प्लास्टिक तान रह रहे लोग
मदनपुर खादर में अपनी झुग्गियां खो चुके परिवार सड़क के किनारे प्लास्टिक की पुरानी चादरें बांधकर रह रहे हैं। एक निवासी तैयरा ने कहा- हमारा सारा सामान अंदर है। हम मुश्किल से कुछ चीजें बाहर निकाल पाए। महिलाओं को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कोई शौचालय नहीं है। आवारा कुत्ते भी बढ़ते पानी से बचने के लिए खाली पड़े घरों की सीढ़ियों पर चढ़ गए हैं।
बिस्किट खाकर गुजार कर रहे लोग
एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि परिवारों के पास न तो खाना है और ना ही बर्तन.. हम अपने खाना पकाने का सामान भी नहीं ला सके। अब हमारे पास खाना पकाने की कोई सुविधा नहीं है। लोग सिर्फ बिस्किट खाकर गुजारा कर रहे हैं। लोगों को अपने बुजुर्ग माता-पिता को कमर तक गहरे पानी में से पार कराते हुए देखा गया। कुछ लोग सड़क किनारे टेंटों में अपने बचाए हुए सामान के साथ बैठे नजर आए।