आम सभा, भोपाल : “मारवो रे सुगवा धनुष फेक, सुग्गवा रहावें मढ़राय”, “पहिले पहिले छठी मैया” जैसे मधुरिम लोकगीतों के मध्य पूर्ण भक्तिमय एवं आस्था के साथ 7 अप्रैल, 2022, दिन गुरुवार को सूर्यदेव की आराधना हेतु अस्ताचल सूर्य को (प्रथम अर्घ्य) देकर समापन की ओर अग्रसर हुआ। समाजसेवी सतेन्द्र कुमार ने बताया कि छठी मैया के इस महापर्व में साक्षात देव सूर्य भगवान को बाँस के बने सूप में ठेकुआ, गन्ना, संतरा, सेव, मह्तावी, केला, मुली, सुथनी, हल्दी, नारियल, पुआ, लडुआ जैसे प्रकृति प्रदत अनाजों को पूर्ण पवित्रता एवं स्वच्छता के साथ परंपरागत रूप से तैयार प्रसाद के साथ पानी के कुंड में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया। अर्घ्य देते समय श्रद्धालू भक्त एवं परिजनों ने दूध ढारकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया।
इस महापर्व का पारण 8 अप्रैल, 2022, दिन शुक्रवार को उदयगामी सूर्य को (पारण अर्घ्य) के पूर्ण होगा। इस महापर्व के सफल एवं पवित्रता के साथ आयोजन के लिए बिहार सांस्कृतिक परिषद् द्वारा हर वर्ष की भांति व्यवस्था की गयी थी। इस अवसर पर छठवर्ती श्रद्धालुओ के लिए अर्ध्य देने, बैठने की समुचित एवं उत्तम व्यवस्था परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा की गयी। महापर्व छठ पूजनोत्सव को भक्तिमय एवं धार्मिकता के साथ आध्यात्मिक रूप देने के लिए सरस्वती देवी मंदिर प्रांगण मे ही छठ मईया के मधुरिम गीतो एवं भजन गायन की मनमोहक एवं सुन्दर प्रस्तुति महिला मण्डली द्वारा दी गई। पूजन कार्यक्रम के आयोजन में मुख्य रूप से सतेन्द्र कुमार, सुरुचि कुमार, संजय साह, संतोष यादव, कृष्ण कुमार, मनोज पाठक, विनोद चौबे एवं भारी संख्या में छठ व्रती श्रद्धालु एवं भक्त शामिल हुए।