देश की बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई में चल रहे विवाद पर मंगलवार को मुल्क की सर्वोच्च अदालत में सुनवाई हुई और इस दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने वकील फली एस. नरीमन से पूछा कि आलोक वर्मा के जवाब आखिर मीडिया में लीक कैसे हो गए. गौरतलब है कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर भ्रष्टाचार के केस की जांच सीवीसी कर रही है और उसने जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी है. कोर्ट ने इस जांच रिपोर्ट पर ही आलोक वर्मा से जवाब मांगा था.
मंगलवार सुबह 10.30 बजे कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सबसे पहले आलोक वर्मा की पैरवी कर रहे मशहूर वरिष्ठ वकील फली एस. नरीमन को कुछ दस्तावेज दिए और उन्हें पढ़ने के लिए कहा. सीजेआई ने फली नरीमन से स्पष्ट कहा कि आपको ये दस्तावेज एक वरिष्ठ वकील होने के नाते दिए जा रहे हैं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इसके बाद फली नरीमन से पूछा कि जो बातें गोपनीय तरीके से सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को बताई गई थीं, वो बाहर कैसे आ गईं.
क्यों गुस्साए चीफ जस्टिस?
दरअसल, सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बाद सरकार ने दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया था और नागेश्वर राव को सीबीआई का प्रभार दिया गया था. आलोक वर्मा ने सरकार के इस आदेश को गलत ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट में इसे चैलेंज किया था. हालांकि, आलोक वर्मा को राहत नहीं मिली थी और कोर्ट ने 26 अक्टूबर को उनकी अपील पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) को दो हफ्तों के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था. कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा था कि ये रिपोर्ट गोपनीय तरीके से कोर्ट को सौंपी जाए.
कोर्ट के आदेश के बाद सीवीसी ने 12 नवंबर को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी. हालांकि, देरी के लिए सीवीसी को कोर्ट की फटकार का सामना भी करना पड़ा. इसके बाद कोर्ट ने सीवीसी की जांच रिपोर्ट पर सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा का जवाब मांगा. कोर्ट ने यह आदेश 16 नवंबर को दिया. वर्मा को निर्देश दिए गए कि वह 19 नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करें. सीवीसी की तरह ही कोर्ट ने वर्मा से भी साफ तौर पर ये कहा कि वह अपना जवाब सीलबंद लिफाफे में दें.
रिपोर्ट में क्या है?
जिस मीडिया रिपोर्ट का जिक्र हो रहा है, उसमें लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सच का पता लगाने के लिए सीवीसी को जांच का आदेश दिया था, जिसके बाद सीवीसी ने आलोक वर्मा को जवाब देने के लिए कई सारे सवालों की एक सूची भेजी. वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि उसने आलोक वर्मा के जवाबों की वह कॉपी देखी है, जो उन्होंने सीवीसी को भेजी हैं.