देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी में चल रही अंदरूनी लड़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई शुरू हुई जिसमें कोर्ट ने सीवीसी रिपोर्ट की कॉपी सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को देने का आदेश दिया, जिस पर उन्हें सोमवार तक जवाब देना होगा. अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी.
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के जवाब के बाद ही अब सुप्रीम कोर्ट कोई एक्शन तय करेगा. उन्हें सोमवार तक जवाब देना है. मंगलवार को अगली सुनवाई होगी.
कुछ मुद्दे बेहद पेंचिदा
शुक्रवार को इस मामले में आगे की सुनवाई शुरू हुई तो केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के बाद जस्टिस पटनायक ने भी अपनी रिपोर्ट सौंप दी. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सीवीसी ने दस्तावेज के साथ पूर्ण रिपोर्ट सौंपी है. हालांकि रिपोर्ट के मामले में कुछ मुद्दे बेहद पेंचिदा हैं. कुछ और आरोपों के जांच की जरुरत है.
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अगर केंद्र सरकार को कोई दिक्कत नहीं होगी तो हम आलोक वर्मा के वकील को रिपोर्ट की सीलबंद कॉपी देंगे. आपको सीलबंद लिफाफे में जवाब देना होगा. हालांकि कोर्ट ने राकेश अस्थाना को रिपोर्ट की कॉपी नहीं देने का आदेश दिया. कोर्ट ने 20 नवंबर तक के लिए अगली सुनवाई टाल दी.
कोर्ट ने कहा कि अंतरिम निदेशक के रूप में नागेश्वर राव ने किसी तरह का कोई गलत फैसला नहीं लिया. इस बारे में अगली सुनवाई में विचार किया जाएगा. एनजीओ नागेश्वर राव के फैसलों पर कोई सबूत नहीं दे पाया. कोर्ट ने कहा कि एक्टिंग डायरेक्टर के फैसलों पर अगर कोई और सामग्री हो तो वो भी दें.
AG और SG को मिलेगी रिपोर्ट
मुख्य न्यायाधीश से सीवीसी के वकील तुषार मेहता ने कहा कि सीवीसी की रिपोर्ट उन्हें भी मुहैया कराई जाए क्योंकि वो रिपोर्ट सीधे कोर्ट को सीलबंद दी गई है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सीवीसी रिपोर्ट की कॉपी अटार्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल को भी दी जाए.
सीबीआई के डीएसपी एके बस्सी की याचिका पर भी सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि यह वही बस्सी है जिनका ट्रांसफर अंडमान किया गया है. अच्छी जगह है. राजीव धवन एके बस्सी की ओर से दलील दे रहे थे. बस्सी ने राकेश अस्थाना के खिलाफ आरोपों की जांच की थी, जिनका बाद में अंतरिम सीबीआई निदेशक नागेश्वर राव ने पोर्ट ब्लेयर ट्रांसफर कर दिया था. उन्होंने ट्रांसफर के खिलाफ याचिका डाल रखी है.
कोर्ट ने कहा कि हम अगली सुनवाई में आपके अनुरोध को देखेंगे. पहले हम पूरा मामला जान जाएं तब हम इसे देखेंगे.
इससे पहले 12 नवंबर को कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी थी. CVC ने कुल 2 रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी.
सीवीसी की ओर से कोर्ट में जो दो रिपोर्ट सौंपी गई है, उनमें मामले की जांच रिपोर्ट और नागेश्वर (अंतरिम डायरेक्टर) द्वारा लिए गए फैसलों की लिस्ट है. छुट्टी पर भेजे गए डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के समक्ष पेशी हो चुकी है.
सीवीसी ने आलोक वर्मा मामले में जो भी जांच की है, उसको लेकर रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंपी है. सीबीआई की इस जांच कमेटी की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एके पटनायक ने की थी.
रिश्वतखोरी विवाद में सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा और जांच एजेंसी में नंबर दो राकेश अस्थाना को 23 अक्टूबर को छुट्टी पर भेज दिया गया था. दोनों ने ही इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में अर्जी दायर की है.
सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी की अगुवाई में बनी समिति के समक्ष एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और खुद का बचाव किया था.