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बीएमएस द्वारा तीन सूत्रीय मांगों का काला बैच लगाकर आंदोलन का पुनः आगाज किया

भोपाल।
भारतीय मजदूर संघ द्वारा 26 नवंबर 2018 सोमवार को तीन सूत्रीय मांगो का काला बैच लगाकर कारखाने में आंदोलन का पुनः आगाज किया। यूनियन के उपाध्यक्ष सतेन्द्र कुमार ने बताया कि कर्मचारियों का आठवां वेज रिविजन जल्द से जल्द करवाने, दिवंगत  कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति तत्काल देने एवं मोबाइल उपयोग से प्रतिबंध हटाने हेतु यूनियन के नेतृत्व में हजारों कर्मचारी विरोध स्वरूप  कला बैच लगाकर पुरे दिन काम किया और यह सिलसिला द्वितीय एवं तृतीय पाली में भी जारी रखा गया।
बीएमएस द्वारा सुबह में अपनी मांगों के समर्थन में बुलेटिन जारी कर आंदोलन हेतु कर्मचारियों को सूचित किया एवं प्रबंधन को आगाह किया कि कर्मचारी हित में इनकी समस्याओं का निराकरण शीघ्र करें। शाम 4:00 बजे यूनियन कार्यालय में विजय सिंह कठैत की अध्यक्षता में वृहत बैठक रख कर्मचारियों का सुझाव लिया गया और आगे की आंदोलन की रूपरेखा की तय की गई।
जिसमें भेल के शत प्रतिशत कर्मचारी अपनी 3 सूत्रीय मांगों का काला बैच लगाकर लगातार विरोध प्रदर्शन करेंगे जब तक प्रबंधन अपने अड़ियल रवैया से बाज ना आ जाए और कर्मचारी हित में निर्णय ले। यूनियन द्वारा आठवीं वेज रिवीजन लंबित होने के पूर्व से ही लगातार 71वे चरण तक का आंदोलन किया गया और आज भी संघर्ष जारी है।
यूनियन द्वारा वर्ष 2017 एवं 2018 में लगातार आंदोलन किया अगस्त माह से अगस्त क्रांति आंदोलन करके भेल के कर्मचारी साथी कारखाने के अंदर, बाहर एवं विभिन्न गेटों पर आंदोलनरत रहे जिसके कारण वेज रिवीजन हेतु संयुक्त समिति की बैठक प्रारंभ किया गया। परंतु प्रबंधन एवं कुछ यूनियन के नेताओं द्वारा वेतन समझौता वार्ता की दिशा में भटकाव किया गया। ये कर्मचारियों के हितों के प्रति उदासीन रवैया दर्शाता है।
जबकि प्रबंधन स्वयं, अपने अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों का वेज रिवीजन कर दिया और नया वेतनमान लेना प्रारंभ करके दिवाली खुशियों के साथ मनाई। और मेहनतकस कर्मचारीयो को अभी तक निराशा और निराशा ही दिया गया। जिससे काली दिवाली मनाने को मजबुर हुए। कर्मचारियों में भारी आक्रोश है अगर प्रबंधन जल्द वेज रिवीजन नहीं करता है तो आंदोलन और उग्र किया जायेगा। यूनियन बुलेटिन में स्पष्ट किया है कि प्रबंधन मोबाइल उपयोग करने के प्रतिबंध हटाये। कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि जब तक यूनियन से वार्ता नही हो जाती सभी कर्मचारी कारखाना परिसर में मोबाइल का उपयोग करे।
आंदोलन में यूनियन के महामंत्री  कमलेश नागपुरे, कोषाध्यक्ष अनिल कुमार, उपाध्यक्ष सतेन्द्र कुमार, रोहित कुमार, संजय चौधरी, मंत्री, प्रदीप अग्रवाल,  नितिन कोंडे,  रमेश कुराडिया, विजय सिंह रावत, जगदीश मालवीय, अश्वनी मौर्य, रामनंदन सिंह, इमरान अली, संतोष अहिरवार, धर्मेंद्र कुमार, अमित साहू, ए रमेश, संजय साह, गजेंद्र बंछोड़, मनोज कुमार, नवीन जांगड़ा ,मंगल लाकरा , श्रीकांत ताम्रकार ,कैलाश मालवीय, मयूर, दीपक यादव ,पी मूर्ति ,विवेक शर्मा, दयाल सिंह राणावत, शरद बिलास, कमलेश यादव ,अतुल तिवारी, बृजेश मोर्य, चंद्रशेखर चौहान, शेखर लिल्हारे, शिशुपाल यादव, मेहर चंद ,रवि अहिरवार , शेखर लिल्हारे, सचिन, प्रभात, प्रकाश पाटिल, दिनेश करण, राकेश कोल , लक्ष्मण प्रसाद, हरपाल सिंह राजपूत, सतीश पाल, सुनील सिंह, प्रहलाद पटेल, आनंद गौतम ,संजय गुप्ता, विनोद मौर्य ,भूपेश पवार, अमृतलाल साकेत, आनंद जायसवाल ,रवि अहिरवार, इंद्रेश शर्मा, ओम चौधरी, चंद्रेश पटेल, सतीश नामदेव, शैलेंद्र सिंह, योगेश राठौर, महेश कुमार, के रामू, यशवंत शेरके, राजेश बर्मन पवन कुशवाहा, टिकेश बिसेन, भीमराव चौकीकर, मुकेश शर्मा, रंजीत जैसवार, राहुल रंजन, गजानदं लिल्हारे, नरेंद्र पटले, दिनेश सिंह, अमन वर्मा, विश्वराज आनंद ,अमित कश्यप, रामनारायण कुमावत, अमित देशमुख, मनोज बिंद, रोहित मालवीय, अमित सनोरिया , राजेश बर्मन ,पवन कुशवाहा आशीष, संजय सिंह, एवं भारी संख्या में यूनियन के कार्यकर्त्ता मुख्य रूप से शामिल हुए।

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