पटना:
बिहार में चमकी बुखार का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है और मौत का आंकड़ा भी रुक नहीं रहा है. पूरे राज्य में इस बीमारी की वजह से मरने वाले बच्चों की संख्या 150 के पार पहुंच गई है. जबकि सिर्फ मुज्जफरपुर में मरने वालों का आंकड़ा 124 है. बीते कुछ दिनों से लगातार इस बीमारी का कहर बढ़ रहा है, जिसके कारण राज्य की नीतीश कुमार सरकार हर किसी के निशाने पर है.
हालांकि बिहार स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी से होने वाली मौतों के संबंध में पूरे राज्य के आंकड़े जारी किये थे और कुल मौतों की संख्या 136 बताई थी. यह बीमारी 16 जिलों में फैल चुकी है.ताजा मौतों से मरने वालों की संख्या बढकर 150 हो गई है.
वहीं, इस बीच बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी ने लोकसभा में चमकी बुखार का मामला उठाया. उन्होंने कहा, यह फैलाया जा रहा है कि बच्चों ने लीची खाई, जिस वजह से उनकी मौत हो गई. इसके बाद अचानक लीची के निर्यात में गिरावट आ गई और लीचियां तटों पर पड़ी हैं.
रूडी ने पूछा कि कहीं ये चीन की साज़िश तो नहीं है?
एबीपी न्यूज़ से बातचीच में रूडी ने कहा, ‘’बहुत दुखद है जो इतने बच्चों की जान गई. राज्य सरकार हर कदम उठा रही है, लेकिन मैं एक दूसरे पहलू से भी इसे देखता हूं. जिस तरह लीची को बदनाम किया जा रहा है उससे लीची किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ है और आगे भी होगा. बंदरगाहों से बाहर जाने वाला लीची रुका पड़ा है.’’
लीची को दोषी ठहराया जाना एक साजिश- कृषि मंत्री प्रेम कुमार
उन्होंने कहा, ‘’दुनिया में सबसे ज़्यादा लीची भारत में पैदा होती है, जिसके बाद चीन का नम्बर आता है. उसमें भी 60 फीसदी लीची बिहार में पैदा होती है. मैं कोई फ़ैसला नहीं दे रहा हूं. बस आशंका जता रहा हूं. इसकी जांच होनी चाहिए.’’ इतना ही नहीं बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने भी लीची को दोषी ठहराए जाने को साजिश बताया है.