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भोपाल : भेल कर्मचारियों के 8वे वेज रिवीजन कराने बीएमएस का आक्रोश रैली

भोपाल। भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में सोमवार 24 दिसम्बर 2018, शाम 04 बजे से 6 न. वीआईपी गेट से हजारों

की तादात में भेल कर्मचारी अपने 8वे वेज रिविजन सीघ्र कराने हेतु आक्रोश रैली करके विराट विरोध प्रदर्शन किया।

यूनियन के उपाध्यक्ष सतेन्द्र कुमार ने प्रबंधन की मानसिकता पर सवाल खड़ा कर कहा कि जब-जब मजदूरो को देने की बात आती है तब-तब प्रबंधन प्रयास करता है कि किसी भी प्रकार से कम से कम दिया जाए। प्रबंधन को लगता है कि खुद को कम और कर्मचारियों को अधिक मिल रहा है। प्रबंधन बड़े चतुराई से अपने लिए अलग-अलग रास्ते निकाल कर खुद को लाभवान्वित करता रहा है। इसके कई उदाहरण है जैसे की एनटीपीसी में अधिकारियों को 15% फिटमेंट और भेल में 10% फिटमेंट दिया गया है पर यह कैसे संभव है कि अलग-अलग फिटमेंट होने के बावजूद दोनों जगह ई1 से ई11 तक बेसिक समान रहेगा।

कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों (CPSU) में कर्मचारी वर्ग का वेज रिविज़न हो चुका है जहाँ कर्मचारियों को 10 वर्ष के लिए 15% से कम फिटमेंट नहीं मिला है वही कुछ CPSU ने 10 साल के लिए 17% फिटमेंट तक दिया है। भेल के जेसीएम में प्रबंधन ने कर्मचारियों को 10% फिटमेंट और 31% पर्क देने का प्रस्ताव रखा है जो कि किसी भी तरह से मजदूरो के लिए न्याय संगत नहीं है। सभी कर्मचारियों को इस पर मंथन करने की आवश्यकता है साथ ही दूसरे CPSU एवं भेल के पुराने वेज रिविज़न की तुलना भी किया जाना आवश्यक है।

भत्ते प्रतिशत में मिलने से कर्मचारियों को काफी नुकशान उठाना पड़ता है उदाहरण के तौर पर भेल में सभी कैडर को एक ही यूनिफॉर्म हेतु कपड़े मिलते है और धुलाई भत्ता बेसिक का 3% है, 2007 के वेज रिविज़न के अनुसार जब पैसे में देखे तो कर्मचारियों को 10500 का 3% (A1 का बेसिक) यानि 315रु और अधिकारियों को 24600 का 3% (E1 का बेसिक) यानि 738रु। अब जहाँ 8वां वेज रिविज़न में अधिकारियों को 60000 का 3% (E1 का बेसिक) यानि 1800रु मिलेगा वही कर्मचारियों को 23000 (जेसीएम में प्रबंधन द्वारा प्रस्तावित A1 का बेसिक) का 3% यानि 690रु। 2007 वेज रिविज़न के समय दोनो कैडर के धुलाई भत्ते में 423रु का अंतर था जो 2017 में बढ़कर 1110रु हो जाएगा।

जब की बाजार में वाशिंग पाउडर के दाम में 3 से 4 गुणा का अंतर चुका है  जिसका बेसिक ज्यादा उसका भत्ता ज्यादा और जिसका बेसिक कम उसका भत्ता कम। महगाई भत्ता भी बेसिक के प्रतिशत आधार पर मिलने से कर्मचारियों को अधिकारियों की तुलना में काफी कम मिलता है जबकि महगाई तो सभी के लिये बराबर बढ़ती है। इसलिए 8 वां वेज रिविज़न में इस अंतर को कम करने की आवश्यकता आ पड़ी है। भेल के अधिकरियों ने 2017 के वेज रिविज़न में अपना HRA 27.12.2017 से लेना तय किया है जबकि कर्मचारियों को अनुबंध के तिथि से देने का प्रस्ताव और दबाव बनाने का प्रयास कर रही है।

आज का प्रबंधन यह भूल चुका है की CPSU की स्थापना के पीछे भारत सरकार का क्या उद्देश था। आज जिस प्रकार से प्रबंधन कर्मचारियों का शोषण कर रहा है वह प्रबंधन के पूंजीपति मानसिकता को उजागर करता है। जब अधिकारी खुद ज्यादा लेता है तो वित्तीय घाटा नहीं होता पर जब-जब कर्मचारियों को देने की बात आती है तो वित्तीय घाटा होने लगता है। 2017 के वेज रिविज़न में अधिकारियों ने 3 साल बाद अपने वेज रिविज़न का रिव्यु का विकल्प रखा है पर कर्मचारियों  के लिए तैयार नहीं है क्योंकि आज घाटा-घाटा कह कर 10% फिटमेंट देने का दबाव बनाने का प्रयास हो रहा है और जब कर्मचारियों का वेज रिविज़न हो जाएगा तब ये अपना पुराना इतिहास दोहराएंगे। जरा पुराने इतिहास को देखकर समझने की आवश्यकता है कि किस प्रकार प्रबंधन ने 1997 के कर्मचारी एवं अधिकारी के वेज रिविज़न के 3 साल बाद वर्ष 2000 में अधिकारियों का दोबारा वेज रिविज़न किया और कर्मचारियों को कहा की आपके अनुबंध में नहीं लिखा है कि 10 साल के पहले वेज रिविज़न को पुनः रिविज़न (re-open) किया जा सकता है उसका नुकशान भविष्य के सभी कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है।

जब 2009 में 7वां वेज रिविज़न की चर्चा चल रहा था तो उस समय कोई नहीं बोल सकता था की भेल 2011-12 में 10 हजार करोड़ का कर पूर्व लाभ अर्जित करेगा और यह भी नहीं कह सकता था कि 2015-16 में (-)1477 करोड़ कर पूर्व लाभ ( यानि की 1477 करोड़ की हानि) अर्जित कर सकता था। आज जो भेल की स्थिति है वह कल नहीं थी और आने वाला कल के बारे में कोई कह नहीं सकता है कि 3 साल बाद क्या होगा। इसलिए जब-जब अधिकारियों को वेज रिविज़न रिव्यु होगा तब-तब कर्मचारियों का होना चाहिए पर किसी भी हालत में 15% फिटमेंट से कम नहीं मिले इसका करार करते वक्त ध्यान रखना होगा।

2007 के वेज रिविज़न में भेल ने सभी कैडर को 46% पर्क दिया पर बाद में अलग से अधिकारियों ने 11 तरह की सुविधाओ का लाभ लिया।जिसमे फर्नीचर भत्ता, टेलीफोन बिल स्वयं एवं घर का, नया मोबाइल खरीदने की सुविधा, शिष्टाचार भत्ता (courteous allowance) पर्दा भत्ता, घर एसी सुविधा, ब्रीफकेस बैग भत्ता, लैपटाप भत्ता, घरेलू उपयोग के समान (जैसे की – नहाने के साबुन,हैंड वॉश, टॉइलेट क्लीनर, शेविंग क्रीम इत्यादि ), सेवानिवृत्ति पर एक विशेष प्रमोशन सामिल है परंतु इसके एवज में कर्मचारियों को कुछ भी नही दिया गया। हर स्तर पर मजदूरो का शोषण करने का प्रयास किया जा रहा है। अस्पताल, टाउनशिप, स्कूल एवं सामाजिक दायित्व का निर्वाह करने से प्रबंधन बच रहा है यह पूंजीपति मानसिकता का उदाहरण है।

वेज वार्ता 10 जनवरी से मैराथन बैठक करके फाइनल करने तथा बीएमएस के चार्टर ऑफ़ डिमांड के अनुरूप कर्मचारी हित में वेज रिविजन करने, अनुकंपा नियुक्ति प्रारम्भ करने, एचआरए का भुगतान जनवरी 2017 से करने, ढाई इंक्रिमेंट से बंचित कर्मचारियों के अतिरिक्त लाभ देकर मूल वेतन के खाई को कम करने, जिन कर्मचारियों से एक वर्ष के स्थान पर ढाई वर्ष डीआर कराया गया उन्हें समस्त लाभ देने, केंद्र सरकार द्वारा निर्देशित सीसीएल का लाभ देने की मांग भी शामिल है।

बीएमएस का 8वे वेज रिविजन के लिए यह 77वाँ आंदोलन है

प्रबंधन अपने अधिकारीयों के पे रिवाइज करके बढे हुए वेतन का लाभ एचआरए सहित सितंबर माह से ले रहा है। प्रबंधन अपना घर रोशन कर मेहनतकश कर्मचारियों का घर अँधेरा किया हुआ है।  भेल के 20 हजार कार्मचारियो के वेज रिविजन का सवाल है इसलिए बिना बिलंब किये 1992 की रिलेटिविटी मैंटेन करते हुए किसी भी परिस्थिति में जनवरी 2019 में करार कर देना चाहिए। 26 दिसम्बर 18 को 78 वे आंदोलन के क्रम में विशाल हुंकार रैली क्रांति स्थल गेट न. 5 पर किया जाएगा।

कार्यक्रम में यूनियन के महामंत्री कमलेश नागपुरे, उपाध्यक्ष रोहित कुमार, संजय चौधरी,मंत्री विनोद विशे, प्रदीप अग्रवाल,  नितिन कोंडे, पी सी ठाकुर, रमेश कुराडिया, विजय सिंह रावत, जगदीश मालवीय, अश्वनी मौर्य, रामनंदन सिंह, इमरान अली, संतोष अहिरवार, धर्मेंद्र कुमार, अमित साहू, ए रमेश, संजय साह, गजेंद्र बंछोड़, शिशुपाल यादव, जयराम शर्मा, सुंदर सिंह विष्ट, श्रीकांत ताम्रकार ,कैलाश मालवीय, मयूर, दीपक यादव ,पी मूर्ति, विवेक शर्मा, दयाल सिंह राणावत, शरद बिलास, कमलेश यादव ,अतुल तिवारी, बृजेश मोर्य, चंद्रशेखर चौहान, शेखर लिल्हारे, मेहर चंद ,रवि अहिरवार , शेखर लिल्हारे, सचिन, प्रभात, प्रकाश पाटिल, दिनेश करण, राकेश कोल , लक्ष्मण प्रसाद, हरपाल सिंह राजपूत, सतीश पाल, सुनील सिंह, प्रहलाद पटेल, आनंद गौतम ,संजय गुप्ता, विनोद मौर्य , अमृतलाल साकेत, रवि अहिरवार, इंद्रेश शर्मा, ओम चौधरी, चंद्रेश पटेल, सतीश नामदेव, शैलेंद्र सिंह, योगेश राठौर, महेश कुमार, के रामू, यशवंत शेरके, राजेश बर्मन पवन कुशवाहा, टिकेश बिसेन, भीमराव चौकीकर, मुकेश शर्मा, रंजीत जैसवार, राहुल रंजन, गजानदं लिल्हारे, नरेंद्र पटले, दिनेश सिंह, अमन वर्मा, विश्वराज आनंद , अमित कश्यप, रामनारायण कुमावत, अमित देशमुख, मनोज बिंद, रोहित मालवीय, अमित सनोरिया , राजेश बर्मन , पवन कुशवाहा आशीष, संजय सिंह, एवं भारी संख्या में यूनियन के कार्यकर्त्ता उपस्थित थे।

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