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भेल भोपाल : कर्मचारियों के लिए भेल के इतिहास का सबसे खराब वेज समझौता

भोपाल। भारतीय मजदूर संघ द्वारा कर्मचारियों के लिए काफी नुकसानदेह वेज रिवीजन के विरोध में विशाल द्वार सभा का आयोजन फाउंड्री गेट पर किया। जिसमें हजारों की संख्या में कर्मचारी भेल प्रबंधन एवं इंटक, एच एम एस और स्वतंत्र यूनियन के खिलाफ रोष प्रकट किया। क्योकि यूनियनगत 3-2 की बहुमत से समझौता किया है।

यूनियन के उपाध्यक्ष सतेंद्र कुमार, अध्यक्ष विजय सिंह कठैत और महामंत्री कमलेश नागपुरे ने कहा कि 10 जनवरी 2019 को भेल कर्मचारियों के 8वां वेज रिवीजन हेतु संयुक्त समिति की बैठक दिल्ली में सम्पन्न हुई थी। बैठक में प्रबंधन द्वारा पांच में से तीन यूनियन को अपने पक्ष में लेकर 10 प्रतिशत फिटमेंट एवं 31 प्रतिशत पर्क के साथ मनमाने तरीके से 10 वर्ष के लिए किया है। अन्य 7- 8 सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों में वेतन समझौता हुआ परंतु सभी मे फिटमेंट 15 प्रतिशत से अधिक दिया है। इंक्रीमेंट को काटकर लैपटॉप का लॉलीपॉप दिया है।

बीएमएस के मांग पर 5% सर्विस वेटेज दिया है। परंतु वेतन विसंगति के कारण कर्मचारियों के मूल वेतन काफी कम है क्योंकि अधिकारी अपना मूल वेतन वर्ष 2000 में एकतरफा बढ़ा लिया था इस खाई को कम करने हेतु तीन इंक्रीमेंट की मांग को प्रबंधन सहित इंटक, एचएमएस और लोकल यूनियन ठुकरा दिया। पुराने मुद्दे (जैसे 1980 से 1998 वाले कर्मचारियों का मुद्दा, हैवी मशीन भत्ता, सीसीएल, हजार्ड भत्ता), 1.1.2009 के बाद वाले को ढाई एवं सभी को 3% एक्स्ट्रा इंक्रीमेंट ) मांग पर प्रबंधन वार्ता नही किया। इन मांगों को लेकर यूनियन दबाब बनाता रहा। इन मुद्दों पर एटक बीएमएस का साथ दिया। बाकी इंटक, एच एम एस एवं स्वतंत्र यूनियन कर्मचारियों का साथ छोड़कर प्रबंधन के पक्ष के चला गया अन्यथा बर्गेनिग के बाद दो से तीन इंक्रीमेंट कर्मचारियों को मिल सकता था। इन मांगों पर अड़े भारतीय मजदूर संघ के कोई भी प्रतिनिधि वेतन समझौता हेतु हस्ताक्षर नही किया। ये 8वां वेज रिवीजन भेल के इतिहास का सबसे खराब समझौता किया गया है।कर्मचारियों के साथ धोखा किया गया।

इस वेज रिवीजन से कोई भी कर्मचारी खुश नहीं है ।

क्योकि हम कर्मचारियों ने जिन- जिन की उम्मीद लगा कर बैठे थे उसमें से कुछ भी मुद्दा हल नहीं हुआ। अगले 10 वर्ष का भविष्य अंधकारमय लग रहा है।

1,1,2009 के बाद के सभी कर्मचारियों को ढाई एगिमेंट मुद्दा को खत्म कर दिया गया।

1980 से 1998 के बीच कर्मचारियों को 3% एक्स्ट्रा इंक्रिमेंट मुद्दा को खत्म कर दिया गया।

15 – 35 का फिटमेंट और पर्क मिलने उम्मीद को 10 साल के लिए प्रबंधन ने खत्म कर दिया।

इसके अलावा 3% एक्स्ट्रा इंक्रीमेंट को भी को भी खत्म कर दिया। जबकि सुपरवाइजर साथियो को अतिरिक्त इंक्रीमेंट दिया गया है।

उसके बाद भी हमारे कुछ यूनियन नेता ने प्रबंधन की गुलामी करते हुए हस्ताक्षर करके अपनी स्वीकृति की मुहर लगा दी और बड़ी ही वेशर्मी के साथ कहते है यह फैसला युवा कर्मचारियों के हित में है।

जब बीएमएस, एटक,सीटू और कुछ अन्य लोकल यूनियन ने विरोध किया जिन्होंने अभी तक हस्ताक्षर नहीं किए और स्वीकृति नहीं दी।

यदि एचएमएस या लोकल में से कोई भी विरोध किया होता तो आज कर्मचारी हित में फैसला होता मैनेजमेंट को 3% ना सही तो कम से कम 2% एक्स्ट्रा इंक्रीमेंट देने को मजबूत होना पड़ता। एचएमएस और ऐबू का प्रबंधन को खुश करने और इंटक का साथ देने के कारण भेल के हर युवा कर्मचारियों को इसका दर्द अपने पूरे सर्विस काल में उठना पड़ेगा।

आज यह कहना ग़लत नहीं होगा कि इंटक कुल्हाड़ी है तो उसमें लगा हत्था एचएमएस एवं ऐबु है जिसने कर्मचारियों के अधिकारों को प्रबंधन के कहने पर कटा है।

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