भोपाल: अग्रणी वैश्विक मेडिकल प्रौद्योगिकी कंपनी बीडी (बेक्टॉन, डिकिन्सन एंड कंपनी) के एक सेगमेंट बीडी लाइफ साइंसेज-डायग्नोस्टिक सिस्टम्स ने वर्ल्ड सर्वाइकल कैसर अवेयरनेस मंथ के अवसर पर आज सर्वाइकल कैंसर जागरूकता अभियान का आयोजन किया और बीडी श्योरपाथTM डायरेक्ट टू स्लाइड (डीटीएस) की उत्पाद प्रस्तुति की। डीटीएस एक लिक्विड बेस्ड साइटोलॉजी (एलबीसी) परीक्षण है, जो सर्वाइकल कैंसर, प्री-कैंसरस लीसन्स, एटीपिकल सेल्स और अन्य सभी साइटोलॉजिक कैटेगरी की जाँच के लिये है। संपूर्ण एलबीसी समाधान की प्रस्तुति और एफडीए की मानक सैम्पल कलेक्शन प्रोसेस की विशेषता के साथ यह उपयोग में सरल है और 100 प्रतिशत कलेक्टेड सैम्पल लैब में भेजा जाता है।
बीडी की प्रोप्राइटरी सेल एनरिचमेन्ट टेक्निक का उपयोग कर बीडी श्योरपाथTM डायरेक्ट टू स्लाइड टेस्टिंग के कम वॉल्यूम के साथ लैब्स की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए स्लाइड क्वालिटी को बढ़ाता है। बीडी श्योरपाथTM डीटीएस अन्य महत्वपूर्ण फॉलो अप टेस्ट्स के लिये रेसिड्यूअल सैम्पल की उपलब्धता सुनिश्चित करता है, ताकि बार-बार सैम्पलिंग की जरूरत न पड़े।
महिलाओं की जाँच द्वारा सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम पर टिप्पणी करते हुए एम्स भोपाल के निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सरमन सिंह ने कहा, ‘‘सर्वाइकल कैंसर सर्विक्स में होता है, यह महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है और शीघ्र पता लगने से इसकी रोकथाम हो सकती है। सर्वाकइल कैंसर का ह्यूमन पैपिल्लोमा वायरस (एचपीवी) इंफेक्शन से गहरा सम्बंध है और एचपीवी के उच्च जोखिम वाले प्रकारों में इंफेक्शन बने रहने से कोशिकाओं में बदलाव होता है। हालांकि सर्वाइकल कैंसर (सभी प्रकार का नहीं) से जुड़े ‘उच्च जोखिम’ के कुछ प्रकारों की रोकथाम के लिये एचपीवी वैक्सीन उपलब्ध है, लेकिन पीएपी स्मीयर और एचपीवी परीक्षण की जरूरत पड़ती ही है। इसलिये लक्षण उभरते ही महिलाओं की जाँच होनी चाहिये और उन्हें नियमित रूप से सर्वाइकल कैंसर का परीक्षण करवाना चाहिये। आज एलबीसी पीएपी स्मीयर सबसे क्षमतावान, सटीक और किफायती परीक्षण विधियों में से एक है, जो सर्वाइकल कैंसर का शीघ्र पता लगाती है। यह शुरूआती अवस्थाओं में ही असामान्य कोशिकाओं का पता लगा लेती है, ताकि समय पर उपचार हो सके।’’
बीडी-इंडिया एंड साउथ एशिया के प्रबंध निदेशक पवन मोचेरला ने कहा, ‘‘सर्वाइकल कैंसर और उसके पूर्व-लक्षणों का शीघ्र पता चलना सर्वाइवल के लिये आवश्यक है। बीडी की कैंसर जाँच सम्बंधी क्षमताएं रोगियों के स्वास्थ्य परिणामों को सुधारने पर केन्द्रित हैं, जिसके लिये प्रयोगशालाओं को ऐसे समाधान प्रदान किये जाते हैं, जो गुणवत्ता में सुधार करते हैं, प्रयोगशाला प्रणाली की उत्पादनशीलता बढ़ाते हैं और चिकित्सकीय निर्णयों को सहयोग देते हैं। भारत में महिलाओं का स्वास्थ्य एक प्राथमिकता है और हमें खुशी है कि बीडी श्योरपाथTM डायरेक्ट टू स्लाइड रोगी की देखभाल के मानक को उन्नत करेगा और सर्वाइकल कैंसर के परीक्षण में अगला मील का पत्थर होगा।’’
पीएपी स्मीयर एक सरल और त्वरित परीक्षण है, जो पारंपरिक रूप से सर्वाइकल कैंसर की जाँच के लिये उपयोग में लाया जाता रहा है। हालांकि प्रीपेयर्ड स्लाइड्स की गुणवत्ता और रेमनैन्ट ब्लड और म्यूकस के बीच सेल्युलर परिवर्तन जानने की कम योग्यता के मामले में इस विधि की अपनी सीमाएं हैं, जब टारगेट सेल्स छुप सकती हैं और असंतोषजनक सैम्पल मिल सकते हैं, इसलिये एक बेहतर और क्षमतावान एलबीसी तकनीक की जरूरत है, जो इन सीमाओं से परे हो। सर्वाकल कैंसर से लड़ने के लिये नवोन्मेष और शोध जारी है, इस कारण लिक्विड बेस्ड साइटोलॉजी (एलबीसी) जैसे नई प्रौद्योगिकी ने जाँच की उन्नत विधि दी है।
भारत में, महिलाओं को होने वाले सभी प्रकार के कैंसर में सर्वाइकल कैंसर की हिस्सेदारी लगभग 6-29 प्रतिशत है1 और यह कैंसर से होने वाली मौत के प्रमुख कारणों में से एक है, जिससे 30 और 69 वर्ष के बीच की आयु की 17 प्रतिशत महिलाओं की मौत होती है2 जिन्हें कैंसर होता है। पूर्वसक्रिय और समयबद्ध परीक्षण बताते हैं कि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम हो सकती है, यदि शुरूआती अवस्था में इसका पता चल जाए। दुर्भाग्य से भारत में महिलाएं अपने स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर जागरूक नहीं हैं, भले ही उनमें कोई लक्षण नजर आ रहे हों। इस कारण रोग का पता चलने में विलंब होता है और उपचार का खर्च बहुत आता है। परीक्षण के लाभ समझना और उपयुक्त विधि अपनाना महत्वपूर्ण है।