Saturday , July 27 2024
ताज़ा खबर
होम / देश / अनिल अंबानी पर आ सकती है 7000 करोड़ की नई आफत

अनिल अंबानी पर आ सकती है 7000 करोड़ की नई आफत

मुंबई
अनिल अंबानी की कर्ज के बोझ तले दबी कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक प्रॉजेक्ट पर काम कर रही है। इस बीच महाराष्ट्र स्टेट रोड डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमएसआरडीसी) का कहना है कि वह कंपनी की गतिविधियों पर करीबी नजर रख रही है। उसने कहा कि तय समयसीमा में कंपनी के कामकाज की प्रगति नहीं हुई तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

संकट के दौर से गुजर रही है रिलायंस इन्फ्रा
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की अन्य कंपनियां गंभीर कर्ज संकट में फंस गईं, जिस वजह से रेटिंग एजेंसियों ने उनकी रेटिंग भी घटा दी। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में ऐतिहासिक घाटा हुआ था। इसके ऑडिटरों ने ही कंपनी की क्षमता पर सवाल उठाए हैं। रिलायंस ग्रुप की विपरीत वित्तीय परिस्थितियों का असर महाराष्ट्र सरकार की वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक प्रॉजेक्ट पर भी पड़ने की आशंका है। पिछले वर्ष रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को इस प्रॉजेक्ट का ठेका मिला था।

तय वक्त में पूरा करेंगे काम: रिलायंस इन्फ्रा
एमसीआरडीसी के प्रमुख राधेश्याम मोपलवार ने ईटी से कहा, ‘हम प्रॉजेक्ट्स के कामकाज पर रोजाना नजर रख रहे हैं। अगर कंपनी कॉन्ट्रैक्ट में सुनिश्चित टाइमलाइन के मुताबिक डिलीवर नहीं कर पाएगी तो तुरंत ऐक्शन लिया जाएगा। ठेके की शर्तों के मुताबिक उन्हें हर छह महीने में एक माइलस्टोन पूरा कर लेना है। अगर वे पिछड़ते हैं तो भारी जुर्माना चुकाना होगा। अगर वे परफॉर्म नहीं कर पाएंगे तो उन्हें प्रॉजेक्ट से निकलना होगा।’ वहीं, रिलायंस इन्फ्रा का कहना है कि वह 24 जून की तारीख से 60 महीनों के अंदर प्रॉजेक्ट पूरा कर लेगी।

इन दो प्रॉजेक्ट्स से धोने पड़े थे हाथ
रिलायंस इन्फ्रा महाराष्ट्र सरकार के साथ दो साल चले विवाद के बाद 5,000 करोड़ रुपये के वर्ली-हाजी अली सी लिंक प्रॉजेक्ट से बाहर निकल गई थी। मुंबई की पहली मेट्रो लाइन बनाने वाली इस कंपनी को चारकोप-बांद्रा-मानखुर्द रूट पर मेट्रो लाइन 2 से भी हटना पड़ा था। इसका कारण सरकार की ओर से रखी गई कई शर्तों पर कंपनी का खरा नहीं उतर पाना था। रिलायंस इन्फ्रा को इन दोनों प्रॉजेक्ट्स में डिवेलपर की भूमिका मिली थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)