भोपाल।
कहते है एक आदमी की जिदंगी कभी भी पत्नी के बिना पूरी नहीं होती, जो उसकी अर्धगिनी कहलाती है। वो अलग-अलग भूमिकाएं निभाती है- एक दोस्त, एक विश्वस्त और एक ऐसी इंसान जो अपने पति को हमेशा सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए करती हैं। वो न सिर्फ अपने पति की, बल्कि अपने पूरे परिवार की रक्षा करती है और उनका ख्याल रखती है। वो निस्वार्थ भाव और निश्छल भाव का प्रतीक है। ऐसे ही एक ईमानदार रिश्ते और प्यार के ताकत की असाधारण कहानी लेकर आया है, एंड टीवी का नया फिक्शन शो ”मैं भी अर्धांगिनी” जो 21 जनवरी 2019 से शुरू हो रहा है। इसका प्रसारण हर सोमवार से शुक्रवार रात 9:30 बजे किया जाएगा। एस्सेल विजन प्रोडक्शन के निर्माण में बना ”मैं भी अर्धांगिनी” सच्चे प्यार की एक रोमांटिक कहानी है, जो अनंत है और मौत के बाद भी जिंदा रहता है। यह एक अर्धांगिनी की ताकत को दर्शाता है जिसमें वो अपनी मौत के बाद भी तमाम बुराइयों से अपने पति की रक्षा करती है। इस शो में अविनाश सचदेव, अदिती रावत, अंजली प्रिया और दीपशिखा नागपाल जैसे टेलीविजन के पॉपुलर चेहरे है। इस शो को प्रमोट करने पूरे कलाकार जयपुर पहुंचे, जहां उन्होंने अपने समस्त फैंस और चैनल के दर्शकों के अपील की कि वे 1 फरवरी 2019 से लागू हो रहे नए सरकारी नियम के तहत एंड टीवी और ज़ी के पैक को सब्सक्राइब करें ताकि वे नए साल में भी इन शोज़ का आनंद लेते रहे।
”मैं भी अर्धांगिनी” चित्रा और वैदेही का सफर दिखाता है, जिसमें दोनों एक ही आदमी की रक्षा करने के लिए समर्पित रहती है, जिससे वो दोनों ही प्यार करती है। यह कहानी माधव (अविनाश सचदेव) और उसकी बचपन की दोस्त वैदेही (अदिती रावत) की जिदंगी में झांकती है। वैदेही का मुख्य मकसद यह है कि वो माधव की पत्नी चित्रा (अंजली प्रिया) की दुखद मौत के बाद माधव की जिदंगी में खुशियां और प्यार वापस लेकर आए। इसके अलावा ”मैं भी अर्धांगिनी” दोस्ती और प्यार का एक अनमोल रिश्ता दिखाता है, जिसमें एक पत्नि के रूप में वैदेही (अदिती रावत) के माधव के प्रति निस्वार्थ प्रेम और प्रयास की कहानी है। यह शो प्रेम की पवित्रता भी दिखाएगा जिसमें माधव की पहली पत्नी चित्रा की आत्मा, इन दोनों को हमेशा साथ रखने की कोशिश करेगी और अपनी मौत के बाद भी तमाम बुराइयों से उन्हें बचाए रखेगी।
अपने किरदार माधव के बारे में बताते हुए एक्टर अविनाश सचदेव ने कहा, माधव एक नेक इंसान है, जों अपने दिल में किसी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं रखता। वो शर्मीला और संकोची स्वभाव का है और बड़ों की इज्जत करता है, खासतौर से अपनी मां नीलाबंरी की, जबकि वो उसकी सौतेली मां है। माधव अपनी मरी हुई पत्नी चित्रा की यादों और अपनी बचपन की दोस्त वैदेही से मिल रहे निस्वार्थ प्रेम के भंवर में उलझा है। मैं भी अर्धांगिनी बड़ी खूबसूरती से लिखी एक रोमांटिक कहानी है। इस कहानी का हिस्सा बनकर मुझे बेहद खुशी हो रही हैं।
झीलों के शहर में अपनी पहली यात्रा को लेकर अविनाश कहते है, मैंने अपने दोस्तों से भोपाल के बारे में काफी कुछ सुन रखा है कि किस तरह यह शहर प्राचीन स्मारकों, ऐतिहासिक महलों और धार्मिक स्थ्लों से भरा हुआ है। हालांकि मैं इस शहर में एक दिन के लिए ही आया हूँ और चूँकि यह मेरी पहली भोपाल यात्रा है तो मैं पूरे शहर का भ्रमण करूँगा और तस्वीरों मेंं इस शहर की खूबसूरती कैद करके घर ले जाऊंगा।
वो आगे कहते है मैं इस अवसर पर एंड टीवी के तमाम दर्शकों और प्रशंसकों से यह अपील करना चाहता हूं कि वे सभी 1 फरवरी 2019 से शुरू हो रही नई सब्सक्रिप्शन स्कीम के तहत ज़ी समूह के चैनलों को जरूर सब्सक्राइब करें। आखिर पूरे परिवार के मनोरजंन के लिए ज़ी नंबर नेटवर्क है और इसमें परिवार के हर सदस्य की पसंद के कार्यक्रम मौजूद है। तो एंड टीवी पर हमारे शो देखते रहने के लिए ज़ी के हिन्दी भाषा समूह को चुनकर ज़ी फैमिली पैक -हिंदी एसडी/एचडी आज ही खरीद लें।
इस शो में माधव की बचपन की दोस्त का किरदार निभा रही अदिती रावत कहती हैं, वैदेही एक सीधी-सादी जवान लडक़ी हैं। वो बहुत भोले स्वभाव की है, जो यह मानती है कि हर इंसान दिल का अच्छा होता है। वो जिदंगी से भरी है और सभी उसे चाहते है। माधव के प्रति उसका निस्वार्थ प्यार और एक दोस्त के रूप में उसकी जिदंगी में दोबारा खुशियां लाने को उसके समर्पित प्रयास बहुत कम देखने को मिलते है जो हमें प्रेरणा देते है। वो माधव की जिदंगी में एक अहम भूमिका निभाती है और मैं उस रोल को लेकर बेहद उत्साहित हूँ। तो आप भी एंड टीवी के सभी शोज़ देखते रहिए और आकर्षक मूल्य वाले ज़ी फैमिली पैक को चुनें और अपना मनोरंजन करते रहे।
अपनी भोपाल यात्रा को लेकर अदिती कहती है, भोपाल सबसे साफ-सुथरा शहरों में से एक माना जाता हैं। इस शहर में ऐतिहासिक और पुरातत्व महत्व के स्थ्लों का खजाना है। यदि मुझे वक्त मिला तो मेरे पास ऐसी जगहों की लिस्ट हैं जहां मैं जाना चाहती हूं। साथ ही चटोरी गली में लज़ीज खाने का स्वाद लेना चाहती हूँ। जिसके बारे में मैंने सुना है कि यह शहर के सबसे लोकप्रिय फूड डेस्टिनेशंस में से एक है।
एक अनूठी और अनसुनी प्रेम कहानी ”मैं भी अर्धांगिनी” प्यार की पवित्रता का दिखाता है, अपने पति के लिए एक पत्नी के अटूट प्रेम को दर्शाता है और वो उलझनें दिखाता है जिसके चलते वो दोनों जुदा हो जाते है। लेकिन अंत में जिदंगी और मौत से गुजरते हुए उनके प्यार की जीत होती है।