देश मे लगातार पैर पसार रहे कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ आज (गुरुवार को) बैठक करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस बैठक में मौजूदा स्थिति, विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए चलाए जा रहे राहत कार्यों के साथ-साथ तबलीगी जमात के लोगों के विभिन्न राज्यों में जाने से उत्पन्न खतरे पर भी चर्चा होने की संभावना है।
लॉकडाउन के बाद देश के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की यह पहली बैठक होगी। 22 मार्च को लगाए गए जनता कर्फ्यू से दो दिन पहले 20 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी। उस समय उन्होंने कोरोना के वैश्विक खतरे के प्रति मुख्यमंत्रियों को आगाह करते हुए पूरे देश को एकजुट होकर इसका सामना करने की जरूरत पर जोर दिया था। 24 मार्च को पूरे देश में किए गए लॉकडाउन के बाद से राज्यों को प्रवासी मजदूरों से लेकर कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ा है।
हालांकि, कैबिनेट सचिव और गृह सचिव लगातार राज्यों के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ बातचीत कर हालात की समीक्षा कर रहे हैं। कोरोना के खिलाफ राजनीतिक नेतृत्व की एकजुटता ज्यादा जरूरी है। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की आज की बैठक अहम मानी जा रही है। उम्मीद है कि सभी मुख्यमंत्री पिछले एक हफ्ते के लॉकडाउन के अपने अनुभवों को साझा करते हुए राज्यों के सामने आ रही दिक्कतों को भी प्रधानमंत्री के समक्ष उजागर करेंगे।
भारत में कोविड-19 मामलों की संख्या बुधवार को बढ़कर 1,834 तक पहुंच गई, जबकि मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 हो गई। कोरोना वायरस के मामलों में इजाफे के लिहाज से एक दिन में अब तक की सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है और 437 मामले दर्ज किये गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्रालय के लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 के 1,649 रोगियों का इलाज चल रहा है, जबकि 143 लोग ठीक हो चुके हैं। अपडेट किए गए आंकड़े के मुताबिक, मौत के तीन मामले नए हैं, जिनमें एक मौत पश्चिम बंगाल में और दो उत्तर प्रदेश में हुई हैं।