– कार्यक्रम की संयोजिका डॉ.प्रीति प्रवीण खरे ने बताया कोरोना आपदा में हमने अपने कई साथी कलमकारों को खो दिया है।उनके प्रति हम सभी के मन में संवेदनाओं, भावनाओं और स्मृतियों का आवेग उमड़ रहा है
भोपाल : दिवंगत साहित्यकार अपने शब्दों अपने सृजन के माध्यम से सदैव हमारे साथ रहेंगे ,उनके साहित्य को आम पाठकों तक पहुंचाना हमारी जिम्मेवारी होना चाहिए ,हम केवल साहित्यकारों के साहित्य को ही न पढ़ें बल्कि साहित्यकार को भी पढ़ें यह उदगार हैं साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ विकास दवे के जो राजधानी भोपाल की समस्त साहित्यिक संस्थाओं द्वारा अभी हाल ही में इस कोरोना काल में दिवंगत हुए साहित्यकारों के स्मरण में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे |
इस श्रद्धांजलि सभा में बोलते हुए वरिष्ठ बालसाहित्यकार कृष्णकुमार अष्ठाना ने कहा कि-‘ हमारे बीच से असमय चले जाने वाले साहित्यकारों का अप्रकाशित साहित्य पाठकों के बीच लाने का प्रयास करें | इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार दिविक रमेश ने कहा।कि-‘प्रभु हमें ऐंसी सामूहिक श्रद्धांजलि सभा का फिर कभी अवसर न दें ,साहित्यकार मनुष्यता को बचाता है हम बड़ी घनीभूत पीड़ा से गुजर रहे हैं ,उन्होंने दिवंगत बालसाहित्यकारों की चुनिंदा कविताएं प्रस्तुत करते हुए अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए | इस अवसर पर वरिष्ठ बालसाहित्यकार पद्मश्री उषा यादव ने अपने सन्देश में दिवंगत साहित्यकारों का स्मरण करते हुए उनके परिवार को इस वज्राघात को सहन करने की क्षमता प्रभु से प्रदान करने की बात कही |
सुपरिचित बालसाहित्यकार डॉ नागेश पांडेय संजय ने दिवंगत बालसाहित्यकारों से जुड़े अपने भावनात्मक संस्मरण साझा किए | वरिष्ठ बालसाहित्यकार गोविंद भारद्वाज ने दिवंगत साहित्यकारों के व्यक्त्वि कृतित्व पर आलेख लिखने एवम पत्र-पत्रिकाओं से उन्हें अपने अंकों में प्रमुखता से प्रकाशित करने का अनुरोध किया |वरिष्ठ बालसाहित्यकार उदय किरौला ने साहित्यकारों के निधन को अपनी व्यक्तिगत क्षति बताया | वरिष्ठ साहित्यकार डॉ रामवल्लभ आचार्य ने साहित्यजगत के लिए दिवंगत साहित्यकारों के निधन को अपूरणीय क्षति बताया| इस कार्यक्रम की संयोजक सुपरिचित साहित्यकार डॉ प्रीति प्रवीण खरे ने असमय दिवंगत साहित्यकारों के सृजन पर केंद्रित चर्चा गोष्ठियों के माध्यम से उन्हें आगे भी स्मरण करने की बात कहते हुए अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए |
इस श्रद्धांजलि सभा में डॉ देशबन्धु शाहजहाँपुरी ,गोपाल माहेश्वरी , पवनकुमार वर्मा साधना श्रीवास्तव, प्रत्यूष गुलेरी, रजनीकांत शुक्ल, उषा जायसवाल, छाया गुप्ता नीति श्रीवास्तव,नीलम राकेश,जया आर्य,दीपक पगारे,करुणा श्रीवास्तव,शिल्पी सिंह, डॉ सुधा गुप्ता, राजेन्द्र श्रीवास्तव, डॉ कुमकुम गुप्ता, दुर्गा रानी श्रीवास्तव, डॉ वर्षा चौबे, डॉ गौरीशंकर शर्मा गौरीश, राधारानी चौहान,शेफालिका श्रीवास्तव,डॉ माया दुबे ,घनश्याम मैथिल ‘अमृत’ ने अपने भावभीनी श्रद्धासुमन प्रकट किए |
इस श्रद्धांजलि सभा में प्रमुख रूप से विभा देवसरे, शम्भू शर्मा बसन्त, शंकर सुल्तानपुरी, चक्रधर नलिन,सुरेश गौतम ,परमात्मा प्रसाद श्रीवास्तव, बृजनन्दन वर्मा, शाइस्ता खान, कमलेश द्विवेदी ,सतीश मेहता, प्रवीण श्रीवास्तव ,विनोद चन्द्र पांडेय विनोद, अहद प्रकाश, नरेंद कोहली, मंजूर एहतेशाम, प्रो राजाराम, युगेश शर्मा, जगदीश गुप्ता , ज़हीर कुरैशी,,कुंवर बेचैन, सुनील मिश्र, प्रभु जोशी, राजकुमार केसवानी,महेंद्र गगन, प्रभु जोशी,प्रेम सक्सेना,आदि साहित्यकारों का स्मरण किया | कार्यक्रम का संचालन घनश्याम मैथिल “अमृत” ने किया और अंत में आभार सुनीता यादव ने प्रकट किया |