लोग घर को अच्छे से सजाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ते हैं। घर के कोने-कोने में जान भरने के लिए तमाम तरह के फर्नीचर, पौधे और पेटिंग्स लगाए जाते हैं। कई बार तो वास्तु के नियमों को भी ध्यान में रखकर सामान को इधर-उधर रख दिया जाता है ताकि घर की सुख-शांति बनी रहे। इसके बावजूद जाने-अनजाने कई बार ऐसी गलतियां हो जाती है, जिसका परिणाम बहुत बुरा हो जाता है। अगर आप भी सब कुछ करके थक चुके हैं और घर में कलह बार-बार हो रहा है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद ही जरूरी है। आज हम बात करेंगे जूते-चप्पल से जुड़े वास्तु शास्त्र के कुछ नियमों की, जिन्हें अमूनन तमाम लोग नजरअंदाज ही करते हैं। शास्त्र में जूते-चप्पल से जुड़े कुछ ऐसे नियम हैं, जिसका पालन करके हम घर में सुख-शांति को बरकरार रख सकते हैं। जानते हैं घर के उन कोनों के बारे में जहां पर जूते-चप्पल पहनकर हमें नहीं जाना चाहिए। अगर हम ऐसा करते हैं तो घर में हमेशा कलह की स्थिति बनी रहेगी। वहीं सुख-शांति का अभाव भी होगा। नजर डालिए जूते-चप्पल से जुड़े वास्तु के कुछ अचूक टिप्स..
घर के पूजा घर में ना पहनें फूटवियर
घर का ये कोना तो सबसे पवित्र होता है। जिस तरह से हम मंदिरों में जाने से पहले जूता-चप्पल बाहर निकाल देते हैं। ठीक इसी तरह के पूजा घर के लिए भी यही नियम होना चाहिए। घर में बने मंदिर के पास जूते-चप्पल पहनकर घूमना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से देवी-देवता का अपमान होता है और इससे घर की सुख-शांति भंग होती है।
रसाईघर में कभी ना पहनें जूते-चप्पल
पूजा घर की तरह ही रसोईघर भी काफी पवित्र होता है। माना जाता है कि इस जगह पर माता अन्नपूर्णा का वास होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई घर में जूते-चप्पल पहनना सही नहीं है। इससे मां अन्नपूर्णा हमसे नाराज हो जाती हैं। इससे घर में धन-धान्य की कमी हो सकती हैं।
घर की तिजोरी के आसपास ना करें ये काम
वास्तु शास्त्र में ये साफ तौर पर लिखा है कि घर की तिजोरी के आसपास भी जूते-चप्पल नहीं पहनने चाहिए। इस जगह पर लक्ष्मी मां का वास होता है। अगर आप इस जगह की पवित्रता को छेड़ेंगे तो आर्थिक समस्याओं का सामना कर सकते हैं।