मऊ
भडकाऊ भाषण मामले में निवर्तमान सदर विधायक अब्बास अंसारी को विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए राजीव कुमार वत्स ने कोई राहत नहीं दी। उसके सजा के विरुद्ध दाखिल किए गए स्थगन आदेश के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अपील निस्तारण पर सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तिथि निर्धारित की है।
कोर्ट ने इसके साथ ही सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी से विधायक रहे अब्बास अंसारी को अपील के निस्तारण तक जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया है। विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए राजीव कुमार वत्स के फैसले के बाद अब मऊ सदर सीट पर विधानसभा का उप चुनाव होने की संभावना बढ़ गई है।
राजेश कुमार पांडेय व अनिल कुमार पांडेय ने इस मामले अभियोजन की तरफ से अपना पक्ष रखा। इस मामले में अब्बास अंसारी की तरफ से उनके अधिवक्ता दारोगा सिंह व विपक्षी संख्या एक वादी गंगाराम बिंद की तरफ से सदानंद राय ने बहस की। गौरतलब है कि तीन मार्च 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान सदर विधानसभा सीट से सुभासपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे अब्बास अंसारी ने जनसभा के दौरान मंच से अधिकारियों को सबक सिखाने की धमकी दी थी। इस मामले में शहर कोतवाली में दर्ज एफआइआर के बाद न्यायालय में बीते 31 मई को दो साल का कारावास व 11 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई थी। इसके बाद से उसकी विधायकी चली गई थी।
भड़काऊ भाषण मामले में दो वर्ष की सजा के खिलाफ अब्बास अंसारी की अपील पर शनिवार शाम को विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट राजीव कुमार वत्स ने फैसला सुनाया। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी हो गई और पिछली सुनवाई में अदालत ने फैसला सुनाने के लिए पांच जुलाई की तारीख तय की थी।
अदालत ने बीती 31 मई को अब्बास को दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी। विधानसभा चुनाव के दौरान तीन मार्च 2022 को एक जनसभा के दौरान मंच से अब्बास ने जीतने के बाद अधिकारियों को सबक सिखाने की धमकी दी थी। मामले में शहर कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। अब्बास ने सुभासपा के टिकट पर मऊ सदर से चुनाव जीता था।