विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने मे मध्यप्रदेश एक आधार स्तंभ बनने की क्षमता रखता है : अमिताभ कांत
तीन दिवसीय मध्यप्रदेश सिविल सर्विसेज मीट का उद्घाटन
भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तीन दिवसीय मध्यप्रदेश सिविल सर्विसेज मीट का उद्घाटन शुक्रवार को किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित जी-20 इंडिया के शेरपा तथा नीति आयोग के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ कांत ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत $30 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने की अपनी यात्रा पर आगे बढ़ रहा है, ऐसे में मध्यप्रदेश की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। मध्यप्रदेश अपनी विशाल प्राकृतिक संपदा, रणनीतिक स्थिति और विकास की अपार संभावनाओं के साथ, विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक आधार स्तंभ बनने की क्षमता रखता है।
अमिताभ कांत ने कहा कि मध्यप्रदेश को अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध वन्य जीवन और सांस्कृतिक विरासत का वरदान प्राप्त है। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों, इसके विशाल राष्ट्रीय उद्यानों एवं टाइगर रिज़र्व के नेटवर्क के कारण, यह राज्य भारत का अग्रणी पर्यटन गंतव्य बना है। मध्यप्रदेश अपनी पर्यटन क्षमता से राजस्थान और केरल जैसे राज्यों को वैश्विक पर्यटन बाजार में कड़ी टक्कर दे रहा है।
अमिताभ कांत ने कहा कि भारत की दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की विकास यात्रा तब ही पूरी होगी जब इसके राज्य भी सतत प्रगति करें। विकसित मध्यप्रदेश की यात्रा विकसित भारत के दृष्टिकोण के साथ पूरी तरह मेल खाती है। मध्यप्रदेश प्रगति, नवाचार और समावेशिता का आदर्श बनकर, भारत को वैश्विक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरने में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार है।
उद्घाटन सत्र के बाद ‘नई-पुरानी बातें’ विषय पर पैनल चर्चा का आयोजन किया गया
उद्घाटन सत्र के बाद ‘नई-पुरानी बातें’ विषय पर पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। पैनल चर्चा में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने प्रशासनिक सेवा में टीम वर्क को सबसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि अधिकारी को सुनने, पढ़ने, अनुभव लेने और आत्म-निरीक्षण कर खुद को बेहतर इंसान और प्रभावी प्रशासक बनाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने शिव खेड़ा के कथन का उल्लेख करते हुए कहा “सुनने के लिए सीखो और सीखने के लिए सुनो।”
चर्चा में पूर्व मुख्य सचिव आर. परशुराम, पूर्व मुख्य सचिव बीपी सिंह, सेवानिवृत वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पी.के दास ने अपने अनुभव साझा किए। वक्ताओं ने युवा अधिकारियों को नैतिक मूल्यों को अपने कार्य में आत्मसात करने और प्रशासनिक निर्णयों में अखंडता बनाए रखने की सलाह दी।
पैनल चर्चा में वक्ताओं ने अधिकारियों से अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक सेवाएं पहुंचाने और साहस के साथ सही मुद्दों के लिए खड़े होने की बात कही। युवा अधिकारियों को अपनी भूमिका को समझते हुए बदलाव लाने के लिए समर्पित कार्य और जुनून के साथ कार्य करना चाहिए।
कार्यक्रम में प्रशासन अकादमी के महानिदेशक जे.एन. कांसोटिया, कृषि उत्पादन आयुक्त मोहम्मद सुलेमान, एसोसिएशन के पदाधिकारी अनुपम राजन, विवेक पोरवाल सहित भारतीय प्रशासनिक सेवा के वर्तमान एवं सेवानिवृत अधिकारी उपस्थित रहे।