* राजधानी में हुई कार्यशाला में बोले वक्ता
* कला साधकों और कला प्रेमियों ने लिया हिस्सा
* मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां से गदगद हुए कला प्रेमी
आम सभा, भोपाल।
भारतीय विरासत और कलाएं हरेक भारतीय जीवन के हिस्सा का अहम हिस्सा है। भारत में रहने वाला हरेक व्यक्ति इनके बिना अधूरा है। हमारी संस्कृति और परंपराएं हमें जीवंत रखती हैं। बदलते समय के अनुसार सांस्कृतिक मूल्यों में परिवर्तन आम बात है और इससे साबित होता है कि संस्कृति गतिशील है, इसलिए यह इसके बिना मानव जीवन की कल्पना नहीं हो सकती है।
न्यू अहिंसा निकेतन शैक्षणिक एवं समाज कल्याण समिति भोपाल द्वारा भारतीय विरासत और कला संस्कृति पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में कला साधक वक्ताओं और अतिथियों ने यह बात कही। समिति के संस्थापक अध्यक्ष डॉ.राजीव जैन ने बताया कि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रायोजित इस कार्यशाला में व्याख्यान, नाटक मंचन, संगीत और नृत्य की प्रस्तुति तथा भारतीय विरासत पर प्रदर्शनी लगाई गई। उन्होंने स्वागत वक्तव्य में कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि भारतीय संस्कृति, धर्म और दर्शन विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक मूल्य हमारे प्रेरणा स्त्रोत होते हैं और इनसे व्यक्ति के जीवन में संस्कार और अनुशासन आते हैं। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार रामप्रकाश त्रिपाठी ने संस्कृति के विभिन्न पहलुओं और उसके सोपानों का सिलसिलेवार जिक्र करते हुए जनमानस पर इसके प्रभाव को समझाया। उन्होंने कहा कि विरासत और संस्कृति पर विचाराधाराओं का प्रभाव पड़ता है और हर कोई अपनी तरह से परिभाषित करना चाहता है लेकिन भारतीय संदर्भ में सांस्कृतिक एकता एक विशेषता और ताकत भी है। वरिष्ठ पत्रकार रघुवीर तिवारी ने कला प्रेमियों को संबोधित करते हुए भारत की सांस्कृतिक विशेषताओं पर सारगर्भित चर्चा की। कार्यशाला को एनजीओ पाठशाला संरक्षक परशुराम तिवारी, एक्टिव फ्रेंड गुप के अध्यक्ष पयोज जोशी, वरिष्ठ पत्रकार और एमपी डिक्की के अध्यक्ष डॉ.अनिल सिरवैया, फिक्की के को-चेयर सौरभ मिश्रा और एएनजीसी ग्रुप के एमडी निखिल गुप्ता ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में राजधानी के त्रिभुवन मिश्रा, गोस्वामी,पूर्व पार्षद रवि वर्मा,अमित श्रीवास्तव,मदनलाल खटीक विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, कला साधक और कला प्रेमी उपस्थित थे।
*नृत्य और संगीत ने बांधा समां*
कार्यशाला के बाद अनेक भारतीय कलाओं का प्रदर्शन किया गया।
योगाचार्य श्री आनंद प्रसाद शर्मा के मार्गदर्शन में उनकी 10 वर्षीय शिष्या संजना जाटव ने विभिन्न योग मुद्राओं का प्रदर्शन किया। गायिका स्नेह खेर और कार्तिक जोशी की जोड़ी ने शास्त्रीय संगीत प्रस्तुतियां दी।आर्ट लोक स्टूडियो की छात्राओं ने मनमोहक कथक नृत्य की प्रस्तुतियां दीं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संयोजन अपूर्व दत्त मिश्रा और रेनू जैन ने किया। इसके अलावा कोऑर्डिनेटर अंकिता चंद्रवंशी के निर्देशन में गोंड ऑनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता में चयनित पैटिंग का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों द्वारा कलाकारों को प्रमाण-पत्र और स्मृति चिन्ह वितरित किए गए। गोंड आर्ट ऑनलाइन पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम नीना भार्गव, दितीय काजल सोनी,तृतीय पूजा मंडराई और सांत्वना पुरुस्कार संस्कृति भार्गव एवम उत्तकर्षा भट्ट ने जीते। कार्यक्रम का सफल संचालन डा.मोनिका जैन ने किया।