*डाक्टरों के कक्ष खाली, बाहर इलाज केे लिए मरीजों की लाईन
मप्र मानव अधिकार आयोग ने 27 अप्रैल, 2023 को एक प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र में भोपाल और रायसेन जिले के अस्पतालों में भारी अव्यवस्थाओं को उजागर करने वाली एक विस्तृत मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भोपाल शहर के हमीदिया अस्पताल, बैरागढ़ सिविल अस्पताल, जय प्रकाश जिला अस्पताल, जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय तथा रायसेन जिले का सबसे बड़े जिला अस्पताल में पंहुचने वाले मरीजों को अपना इलाज कराने के लिये लंबा इंतजार करने के अलावा इलाज में भी भारी अव्यवस्थाएं और जांच सुविधाओं के अभाव से जूझना पड़ रहा है। मरीजों को इलाज कराने के लिये लंबी लाईने लगानी पड़ रही हैं। ड्यूटी डाॅक्टर्स समय पर नहीं आते, जो आते हैं वे भी इलाज के नाम पर सिर्फ खाना-पूर्ति और औपचारिकताएं निभाकर चले जाते हैं। इस पूरी व्यवस्था में परेशान सिर्फ और सिर्फ मरीज ही होता है। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं, मप्र, भोपाल से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
*बंद पड़ी मशीनें, जांच के लिए भटकते हैं मरीज*
भोपाल शहर के कोलार के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बीते दो साल से एक्सरेे मशीन बंद हैं। सोनोग्राफी की सुविधा भी सिर्फ गर्भवती महिलाओं के लिए हैं। यहां छोटी-छोटी परेशानियों और छोटा ऑपरेशन के लिये आने वाले मरीजों को जेपी अस्पताल भेज दिया जाता है। गांधी नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भी डाॅक्टर नहीं मिलते। एक्सरे और सोनोग्राफी रूम में ताला और डाॅक्टर्स के कमरों में खाली कुर्सियां नजर आती हैं। केन्द्र प्रभारी कहते हैं कि यहां कुछ ही पद भरे हैं पर कई पद अब भी खाली हैं। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं, मप्र, भोपाल एवं सीएमएचओ, भोपाल से मामले की जांच कराकर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
*भोपाल शहर की सड़कों पर रोज लगती है मजदूरों की मंडी, न सिर छुपाने की जगह, न पानी का इंतजाम*
भोपाल शहर में रोजाना सुबह सात से दस बजे तक 40 हजार से भी ज्यादा मजदूर दिहाड़ी की उम्मीद में सड़कों पर जमा होते हैं। पूरे शहर में ऐसे 12 से ज्यादा स्थान हैं, जहां रोज सुबह ये मजदूर खाने का डिब्बा हाथ में लिये काम की तलाश में खड़े होते हैं। ये मजदूर सड़कों पर काम की तलाश में तो भटक ही रहे हैं, पर जहां खड़े होते हैं, वहां इन्हें सिर छुपाने की जगह और पीने के पानी तक का इंतजाम नहीं है। सरकार इन लोगों के लिये शेड भी नहीं बनवा रही है। यही कारण है कि भोपाल के आसपास एवं दूरस्थ जिलों से आने वाले ज्यादातर श्रमिक बारिश शुरू होने से पहले ही अपने घर चले जाते हैं। मजदूरों को दो तरफा परेशानी होती है। एक तरफ तो काम नहीं मिलता, दूसरी तरफ जहां काम की तलाश में खड़े होते हैं, वहां भी उनके लिये कोई इंतजाम नहीं होता है। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर कलेक्टर, भोपाल एवं कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर ऐसे दैनिक कार्य करने वाले श्रमिकों के लिए आवश्यक शेल्टर/पेयजल व्यवस्था के साथ ही इन्हें शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकने के लिये आवश्यक जागरूकता की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुये एक माह में जवाब मांगा है।
*ब्लैक लिस्टेड कांटैªक्टर कागजों में बहाल, घटिया सड़क भी बना दी*
भोपाल शहर के नर्मदापुरम रोड स्थित सुरेन्द्र पेलेस काॅलोनी में लंबे इंतजार के बाद बन रही सड़क मेें निर्माण के दौरान ही गिट्टी उखड़ी रही है। नगर निगम ने जिस ठेकेदार को यह काम दिया है, वह ब्लैक लिस्ट हो चुका है, परंतु अपने प्रभाव के चलते वह बहाल भी हो चुका है और वहीं यह सड़क भी बना रहा है। बन रही सड़क की गुड़वत्ता अत्यंत दयनीय है। जिम्मेदार कहते हैं कि यदि ऐसा हो रहा है, तो हम एक्शन लेंगे। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर कलेक्टर, भोपाल से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही यह भी पूछा है कि मानक गुणवत्ता की सड़क का निर्माण हो, इसे देखने का दायित्व किस अधिकारी पर था ? सड़क निर्मित होने तक इसकी कमियों पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया ? सड़क निर्माण में अनियमितता पाये जाने पर शिकायत पर ही उसे दोबारा दुरूस्त कराये जाने की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है, जबकि प्रारंभ से ही गुणवत्ता/नियत मानक पर पर्यवेक्षण अपेक्षित है।
*प्रतिबंध के बाद भी जान जोखिम में डालकर बच्चे तालाब में*
भोपाल शहर के बड़ा तालाब के शीतलदास की बगिया में गर्मी के चलते बड़ी संख्या में बड़ों के साथ ही बच्चे भी नहाने आ रहे हैं। जबकि यहां प्रशासन ने नहाने पर रोक लगा रखी है। यहां सुरक्षा के लिए गोताखोर भी नहीं हैं, इसलिये जान का जोखिम है। यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। यहां नहाने से सख्ती से रोक लगाई जानी चाहिये। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर कलेक्टर, भोपाल एवं कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से मामले की जांच कराकर नियमानुसार अपेक्षित सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
*मेडिकल अस्पताल में महिला ने गार्ड पर लगाया रेप का आरोप*
जबलपुर स्थित नेताजी सुभाषचुंद्र बोस मेडिकल काॅलेज अस्पताल के स्पाइन इंजुरी सेंटर में मरीज की महिला अटेंडर ने सिक्योरिटी गार्ड पर रेप का आरोप लगाया है। मेडिकल अस्पताल के अधीक्षक का कहना है कि एक मरीज की महिला अटेंडर ने अस्पताल के ही सिक्युरिटी गार्ड पर रेप करने का आरोप लगाया है। मामला गंभीर है। पुलिस कार्यवाही कर रही है। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर पुलिस अधीक्षक, जबलपुर से मामले की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
*रेप पीड़िता ने खाया जहर, पुलिस पर लापरवाही का आरोप*
ग्वालियर जिले के थाटीपुर थानाक्षेत्र में रेप केस के आरोपी को अग्रिम जमानत मिल जाने से आहत होकर रेप पीड़िता ने जहर खा लिया। अपने सुसाईड नोट में उसने विवेचना में लापरवाही करने के लिये महिला सब इंस्पेक्टर पूनम तोमर और तत्कालीन थाना प्रभारी आंनद कुमार को कसूरवार बताया है। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर एसपी ग्वालियर से मामले की जांच कराकर एक माह में जवाब मांगा है।
*गाज गिरने से दो घायल, 9 बकरियों की मौत*
छतरपुर जिले के बीजावर अनुविभाग क्षेत्र के अंतर्गत किशनगढ़ थानाक्षेत्र के अचटमेर गांव में बीते मंगलवार की शाम गाज गिरने से दो व्यक्ति घायल हो गये। ये दोनों जंगल में बकरियां चराने गये थे। गाज गिरने से इनकी 9 बकरियों की मौत हो गई। चरवाहों ने बताया कि यहीं बकरिया उनके जीवन-यापन का सामान था। घटना की सूचना स्थानीय प्रशासन एवं राजस्व विभाग को दे दी गई। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर कलेक्टर, छतरपुर से मामले की जांच कराकर दोनों चरवाहों (आदिवासी वर्ग के व्यक्तियों) के इलाज, आर्थिक सहायता और 9 बकरियों की मृत्यु के संबंध में देय मुआवजा राशि शासन के नियमानुसार शीघ्र दिलाने के संबंध में एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।
*गाज गिरने से बुजुर्ग महिला की मौत*
गुना जिले के विजयपुर थानांतर्गत बृसंगपुरा गांव में गाज गिरनेे से एक महिला की मौत हो गई। मृतिका का नाम सुखियाबाई पत्नी कैलाश केवट था। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर कलेक्टर, गुना से मामले की जांच कराकर मृत महिला के वैध वारिसों को नियमानुसार देय मुआवजा राशि के संबंध में की गई कार्यवाही का एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।
*धार जिले के 802 गांव फ्लोराईड प्रभावित*
धार जिले के नालछा ब्लाक के 802 गांव फ्लोराईड प्रभावित हैं। बीते दिनों एक निजी फाऊंडेशन के लोगों ने कलेक्टर, धार से मिलकर उन्हें सूचना दी और समस्या निवारण हेतु आवेदन भी दिया। कलेक्टर ने जिला पंचायत के सीईओ को पीएचई के अधिकारियों केे साथ मौका मुआयना करने के लिये भेजा। उन्होंनेे पाया कि गांव के पानी में फ्लोराईड की अधिकता है। इस पानी के सेवन से लोगों में दांतो के घुलने और सड़ने की समस्या बढ़ गई है। इस गांव के 12 ग्रामीणों का स्केलेटन फ्लोरोसिस बीमारी का इलाज चल रहा है। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर कलेक्टर, धार से मामले की जांच कराकर फ्लोराईडयुक्त जल से बचाव एवं ऐसे क्षेत्र में शुद्ध/स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में एक माह में स्पष्ट प्रतिवेदन मांगा है।
*पंचायत सचिव की प्रताड़ना से ग्रामीण ने की आत्महत्या*
नीमच जिले के जावद तहसील क्षेत्र के अठाना गांव में पंचायत सचिव की निरंतर प्रताड़ना से आहत होकर धन्नालाल गायरी ने आत्महत्या कर ली। उसने अपनी आत्महत्या के लिये पंचायत सचिव प्रेमचंद माली को दोषी ठहराया है। मरने से पहले बनाये एक वीडियो में मृतक ने कहा है कि प्रेमचंद माली से उसका संपत्ति संबंधी विवाद चल रहा था। प्रेमचंद उसे ब्लेकमेल कर रहा था। उसकी ब्लेकमेलिंग और प्रताड़ना से त्रस्त होकर ही वह आत्महत्या कर रहा है। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर पुलिस अधीक्षक, नीमच से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
युवती ने दो साल पहले दर्ज कराया था केस, वापिस नहीं लिया तो आरोपी ने बीच सड़क मार दी गोली
धार शहर की बसंत विहार काॅलोनी में बीते बुधवार की सुबह सिरफिरे युवक दीपक राठौर ने एकतरफा प्यार के चलते गोली मारकर युवती की हत्या कर दी। मृतिका की पहचान 20 वर्षीय पूजा चैहान के रूप में हुई। दीपक ने युवती को दो साल पहले छेड़ा था, जिसका केस पूजा ने पुलिस थाने में दर्ज कराया था। दीपक पूजा पर केस वापिस लेने का दबाव बना रहा था, पर पूजा ने केस वापिस नहीं लिया। इसी का बदला लेने के लिये दीपक ने पूजा को बीच सड़क में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर पुलिस अधीक्षक, धार से घटना के संबंध में प्रतिवेदन मंागा है। साथ ही यह भी कहा है कि मृतिका द्वारा पुलिस थाने में क्या शिकायत एवं कब दर्ज कराई थी ? यह जानकारी भी दें।