– संगठन की प्रॉपर्टी हड़पने का भी आरोप
– राजधानी स्थित यांत्रिकी भवन विवादों की मुख्य जड़
– यांत्रिकी भवन जल्द होगा शासकीय संपत्ति में शामिल
ग्वालियर : विवादों से पुराना नाता रखने वाले राजेंद्र सिंह भदौरिया की मुश्किलें अब और बढ़ चुकी है मिहिर भोज नाम पट्टिका विवाद के चलते जहां 1 दिन पहले सीवर सेल के नोडल अधिकारी पद से हटाए गए भदौरिया को मंगलवार को नगर निगम आयुक्त ने 24 घंटे के अंदर कारण बताओ नोटिस थमा दिया है उन पर आरोप है कि उन्होंने मिहिर भोज प्रतिमा विवाद में एक पक्ष विशेष का समर्थन कर नागरिकों को भड़काया.
परिणाम स्वरूप शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी है, और प्रशासन को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है भदौरिया के विवादित वक्तव्य से शासन एवं कानून व्यवस्था विरोधी गतिविधियां प्रदर्शित हो रही है और आपके उक्त कृत्य से शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति भी बिगड़ रही है.
इस तरह के कृत्य से यह स्पष्ट है कि भदौरिया द्वारा शासन एवं कानून व्यवस्था विरोधी गतिविधियां कर स्वेच्छाचरिता बरती गई है जो कि मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम का स्पष्ट उल्लंघन है इसके अलावा शहर में हिंसा भड़काने समेत अन्य तथ्यों का उल्लेख करते हुए निगम कमिश्नर ने राजेंद्र सिंह भदौरिया को कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने संबंधी आदेश भी जारी किया है इतना ही नहीं राजधानी स्थित यांत्रिकी भवन का विवाद भी लंबे समय से भदौरिया के इर्द-गिर्द है वहीं मध्य प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन का विवाद भी वर्षों से थमने का नाम नहीं ले रहा अगर सूत्रों की माने तो जल्द ही यांत्रिकी भवन शासन के अधीन होगा.